Darbhanga News: कमतौल. श्रीहरिहर क्षेत्र मिथिला चौरासी कोस परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं का जत्था रविवार को तीर्थस्थल अहल्यास्थान पहुंचा. यहां स्थानीय लोगों व मंदिरों के पुजारी ने मिलकर उत्साह के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत किया. रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम, हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा-कृष्णा हरे हरे जैसे लोकप्रिय भजन गाते हुए श्रद्धालुओं का जत्था अहल्यास्थान परिसर स्थित मंदिरों की परिक्रमा की. इस दौरान अहल्यास्थान परिसर का माहौल भक्तिरस से सराबोर रहा. परिक्रमा में शामिल श्रद्धालुओं को अहल्या गहबर में पुजारी कामेश्वर मिश्र ने अल्पाहार कराया. इसके बाद श्रद्धालुओं को अगले पड़ाव के लिए विदा किया गया.
परिक्रमा में शामिल एक श्रद्धालु सह संयोजक सदस्य विनोद सिंह यादव ने बताया कि 670 वर्ष पूर्व मुगल काल में बंद हुए परिक्रमा यात्रा दो वर्ष पूर्व वर्ष 2023 में पुनः शुरू हुआ. उस समय सबसे छोटी परिधि पंचकोसी परिक्रमा सोनपुर से हरिहर क्षेत्र तक किया गया. गत वर्ष 2024 में पंच कोसी एवं चौदह कोसी परिक्रमा यात्रा की गयी. इस वर्ष 84 कोसी परिक्रमा यात्रा पूर्ण करने का लक्ष्य है. प्रतिवर्ष इस यात्रा का पड़ाव अहल्यास्थान में होगा. परिक्रमा यात्रा के संरक्षक शिवजी चौपाल, विधायक जीवेश कुमार व पटना तख्त श्रीहरिमंदिर के प्रमुख सरदार महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन सहित कई अन्य लोग हैं. यह यात्रा भारत और नेपाल के संतों एवं धर्माचार्यों के निर्देशन में आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से इस परिक्रमा यात्रा में भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश व श्रीलंका के श्रद्धालु शामिल होंगे. इस पांच दिवसीय परिक्रमा यात्रा में वहां के दर्शनीय स्थलों के इतिहास के साथ को समझने का प्रयास किया जायेगा.
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