दरभंगा. 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रगीत ””वन्दे मातरम”” का ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के सभाकक्ष में सामूहिक गायन किया गया. इसमें संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, पदाधिकारी तथा प्राध्यापकों ने भाग लिया. विश्वविद्यालय संगीत एवं नाट्य विभाग के छात्रों के नेतृत्व में राष्ट्रगीत का सस्वर सामूहिक गायन किया गया. मौके पर कुलसचिव डॉ दिव्या रानी हांसदा ने कहा कि बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय रचित राष्ट्रगीत का प्रकाशन 07 नवंबर 1876 को ””बंगदर्शन”” पत्रिका में हुआ था. उनके प्रसिद्ध उपन्यास ””आनंदमठ”” में इसे 1882 में शामिल किया गया. संस्कृत एवं बंगला भाषा में लिखित इस गीत में मातृभूमि की महिमा और उसके प्रति श्रद्धा का वर्णन किया गया है, जो भारत माता के प्रति सम्मान का प्रतीक है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत भारतीय क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा और उत्साह का स्रोत बन गया था. कहा कि यद्यपि ब्रिटिश सरकार ने इसके गाने पर कई बार रोक लगाई, परंतु इसके प्रति लोगों की भावना एवं स्नेह कभी कम नहीं हुआ.
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