Darbhanga News: दरभंगा. कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ब्रजेश पति त्रिपाठी को आंदाेलित कर्मचारियों ने कार्यालय छोड़ कर जाने पर मजबूर कर दिया. उन्हें कार्यालय छोड़ कर पैदल ही विश्वविद्यालय परिसर से निकल जाना पड़ा. कर्मचारियों का कुलसचिव से कहना था कि या तो 11 सूत्री मांगों पर पहले से तय समझौता को लागू करें, नहीं तो पद से इस्तीफा दें. उनके कार्यालय में पहुंचे आंदोलनकारी कर्मचारियों ने कुलपति पर राजनीति करने का आरोप लगाया. कर्मचारियों ने कुलसचिव सहित विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. लगातार बढ़ते जा रहे दबाव को देखते हुये आखिरकार कुलसचिव कार्यालय से बाहर हो गये. कुलसचिव जब कार्यालय छोड़ कर विवि परिसर से पैदल गुजर रहे थे, तो पीछे से आक्रोशित कर्मी हुल्ले-ले हुल्ले-ले करने लगे. इसके बाद आंदोलनरत कर्मियों ने प्रभारी कुलपति प्रो. दिलीप कुमार झा, भू- संपदा पदाधिकारी डॉ उमेश झा सहित अन्य पदाधिकारियों को भी कार्यालय से निकाल दिया. साथ ही विवि के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को बंदकर बैठ गए.
छात्रों को कक्षा से निकाला
इससे पहले आंदोलन में शामिल विवि कर्मचारी संघ, पेंशनर्स समाज, एनजीओ कर्मी सहित अन्य ने शिक्षा शास्त्री विभाग से छात्र-छात्राओं को बाहर निकाल दिया. आंदोलन में शामिल डॉ रविन्द्र कुमार मिश्र, रघुनंदन लाल कर्ण, अमर नाथ शर्मा, अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार झा, सचिव सुनील कुमार सिंह, अभिमन्यु कुमार, रंजीत ठाकुर, सुशील कुमार झा, गोपाल उपाध्याय आदि ने कहा कि विवि की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. कोई काम नहीं हो पा रहा है. दर्जनों वैसी संचिकाएं लंबित है, जिस पर कुलपति का आदेश प्राप्त है. अधिकारी स्तर पर जानबूझकर कर संचिकाओं को लंबित रखा जा रहा है. न छात्रों का काम हो रहा है न कर्मचारियों का. बता दें कि 11 सूत्री मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलनरत हैं. कर्मियों का कहना है कि जबतक मांगें पूरी नहीं होगी आंदोलन जारी रहेगा. उधर, पक्ष जानने के लिये जब शाम सात बजे कुलसचिव के मोबाइल पर कॉल किया गया तो बात नहीं हो सकी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

