Darbhanga News: दरभंगा. डीएमसीएच के एनाटॉमी विभाग में गुरुवार को एनाटॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया का कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप और सीएमइ आयोजित हुआ. लनामिवि के पूर्व कुलपति डॉ एसपी सिंह ने दीप जलाकर उद्घाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता डीएमसी प्राचार्य प्रो. अलका झा ने की. एनाटॉमी विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके कर्ण ने अतिथियों का स्वागत करते हुये सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला. सुबह नौ बजे से सीएमई सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें देश- विदेश के कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. प्रमुख वक्ताओं में एम्स दिल्ली की डॉ रिमा दादा, दुबई के आइवीएफ विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र कुमार, केरल से प्रो. हरे कृष्णा, डॉ गुलशन त्रिवेदी और डॉ रूही यास्मीन शामिल रहे. विशेषज्ञों ने चिकित्सा शिक्षा और एनाटॉमी पर विचार रखे.
छह तकनीकी सत्रों का हुआ आयोजन
दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक छह तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया गया. इनमें आइवीएफ पर डॉ जितेन्द्र कुमार, पास्टिनेशन पर प्रो. हरे कृष्णा, जेनेटिक्स पर डॉ रिमा दादा, माइकोमेट्री पर डॉ योगेश सोंटगे, एविडेंस बेस्ड प्रैक्टिस पर डॉ आदिल असगर ने प्रस्तुति दी. क्वालिटी एश्योरेंस पर डॉ रंजीत गुहा ने जानकारी दी. आयोजन में देशभर के 250 से अधिक डेलीगेट्स भाग ले रहे हैं. एनाटॉमी सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ नावा और सचिव डॉ जेठानी ने भी विचार रखा.
राष्ट्रीय स्तर का आयोजन होना गर्व की बात
डीएमसी की प्राचार्य डॉ अलका झा ने कहा कि कॉलेज के 100 साल के इतिहास में पहली बार एनाटॉमी विभाग में राष्ट्रीय स्तर का आयोजन गर्व की बात है. इससे संस्थान की अकादमिक प्रतिष्ठा और अधिक बेहतर होगी. आयोजन सचिव डॉ गौरी शंकर झा ने धन्यवाद ज्ञापित किया.
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