Darbhanga news: केवटी. मुख्यालय परिसर स्थित बीडीओ आवास के पीछे छह वर्ष पूर्व करीब 76 लाख से निर्मित भवन का उपयोग नहीं होने से परिसर में घास-फूस उग आये हैं. वहीं भवन निर्माण के बाद नामकरण से संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है. इस कारण कोई इस भवन को शिक्षा भवन, कोई बीआरसी तो कोई शैक्षणिक प्रशिक्षण भवन बता रहा है. भवन के मुख्य दरवाजे पर लगा ताला जंग की भेंट चढ़ रहा है. विदित हो कि मुख्यालय परिसर में जी प्लस-टू यानि तीन मंजिला भवन का निर्माण वर्ष 2019 में करीब 76 लाख की लागत से किया गया था. ग्राउंड, प्रथम व दूसरी मंजिली भवन का निर्माण किये जाने के बाद उसमें बिजली, मोटर, दर्जन भर कमरे, हॉल, शौचालय, बाथरूम, नल आदि से सुसज्जित किया गया, परंतु निर्माण के छह वर्ष बाद भी इसमें कोई कार्य नहीं होने से भवन क्षतिग्रस्त होना शुरू हो गया है. साफ-सफाई नहीं होने से घास-फूस उग आये हैं. बताया जाता है कि वर्ष 2014 तक प्रखंड क्षेत्र को शिक्षा विभाग ने दो भागों में बांट दिया गया था. दरभंगा-जयनगर मुख्य सड़क के पूरब को भाग एक तथा सड़क के पश्चिमी को भाग दो किया गया था. दोनों के अलग-अलग बीइओ भी हुआ करते थे. इस कारण बीच केंद्र में खिरमा उच्च माध्यमिक स्कूल परिसर में बीआरसी भवन में कार्य संपादित किया जाता रहा. वर्ष 2014 के बाद प्रखंड में सिर्फ एक बीइओ ही रहा करते हैं. उन्हींके अधीन पूरा प्रखंड क्षेत्र हैं. इस बावत पूछे जाने पर बीडीओ चन्द्र मोहन पासवान ने बताया कि मुख्यालय परिसर स्थित यह भवन बीआरसी का है. यहां बीइओ को बैठना है. अब बीइओ बीआरसी भवन में क्यों नहीं बैठ रही हैं, यह अबतक नहीं समझ पाया हूं. वहीं पूछे जाने पर बीइओ कारिमा फिरदौस ने बताया कि यह शिक्षा भवन है. इसमें शैक्षणिक प्रशिक्षण तथा शिक्षा विभाग से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं. निर्मित भवन तक जाने का रास्ता भी नहीं है. सभी शैक्षणिक प्रशिक्षण, कार्यक्रम बीआरसी भवन खिरमा में आयोजित किया जाता है. इधर, स्थानीय विधायक मुरारी मोहन झा ने कहा कि मुख्यालय परिसर में निर्मित शिक्षा भवन जब उपलब्ध है तो बीआरसी भवन मुख्यालय में चलना चाहिए. मुख्यालय में निर्मित भवन में बीआरसी कार्यालय स्थानांतरित करने का जल्दी ही प्रयास किया जायेगा.
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