उच्च शिक्षा निदेशक ने कुलसचिव को जांच कर मांगा प्रतिवेदन
70 से अधिक प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति का लगाया आरोपखगड़िया के आवेदक ने शपथ पत्र के साथ विभाग से की शिकायतदरभंगा. उच्च शिक्षा निदेशक प्रो. एनके अग्रवाल ने सरकार की रोक के बावजूद आरक्षण नियमों में फर्जीवाड़ा कर जालसाजी से विभिन्न घाटानुदानित उपशास्त्री कॉलेजों में 70 से अधिक प्रधानाचार्य, शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति संबंधी शिकायत की जांच कर कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलसचिव से रिपोर्ट मांगी है. कुलसचिव को जारी पत्र में प्रो. अग्रवाल ने कहा है कि खगड़िया जिले के आनंद कुमार ने शपथ पत्र के साथ यह आरोप लगाया है. शिकायतकर्ता का कहना है कि फर्जी पे-आइडी बनाकर करोड़ों रुपयों का वेतनमद में अवैध रूप से भुगतान कर दिया गया है. उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा है कि परिवाद में वर्णित आरोपों की नियमानुसार जांचकर कार्रवाई करते हुए अद्यतन प्रतिवेदन विभाग को उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाय. उन्होंने शिकायतकर्ता की ओर से शपथपत्र के साथ भेजे आवेदन को भी संलग्न किया है.
कुलपति समेत दर्जनभर अधिकारी एवं कर्मी आरोपित
आवेदन में आनंद कुमार ने इस अनियमितता मामले में संबंधित कालेजों के शासी निकाय सदस्यों, पूर्व कार्यकारी कुलसचिव डॉ दीनानाथ साह, बजट पदाधिकारी डॉ पवन कुमार झा, वित्त पदाधिकारी जयकिशोर चौधरी, प्रशाखा पदाधिकारी मिथिलेश कुमार लाल, लेखा सहायक शंभू नाथ झा, रंजीत कुमार ठाकुर, स्थापना शाखा के सहायक कुन्दन भारद्वाज, सूचना वैज्ञानिक नरोत्तम मिश्र समेत कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय को आरोपित किया है. कहा है कि इन्हीं लोगों की मिलीभगत से विश्वविद्यालय अधिनियम, परिनियम के विपरित कॉलेजों में अवैध नियुक्ति की गयी है. उच्च स्तरीय जांच से सरकारी राशि के अवैध भुगतान का पर्दाफाश हो जाएगा.
अपने लोगों की कर ली गयी है नियुक्ति
कहा है कि अवैध नियुक्ति में बिना पूर्वानुमति के, आरक्षण नियमों के विपरीत एवं बैकलॉग में कई कालेजों के शिक्षाकर्मी, विवि पदाधिकारियों के निकट संबंधियों की अवैध नियुक्ति की गई है. इसमें करोड़ों का लेन-देन भी हुआ है. अवैध रूप से नियुक्त शिक्षाकर्मियों का वेतन भुगतान भी हो रहा है.
आनंद कुमार की शिकायत पर जांच कर कार्रवाई करते हुए अद्यतन प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए उच्च शिक्षा निदेशक से एक दिन पहले पत्र प्राप्त हुआ है. कुलपति से अनुमति प्राप्त कर नियमानुकूल कार्रवाई की जाएगी. पत्र को संबंधित विभाग में भेज दिया गया है.
प्रो. ब्रजेशपति त्रिपाठी, कुलसचिव B
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

