8.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Chhath Puja: केवल अध्यात्म नहीं, ऊर्जा श्रोत, प्रदूषण नाश और मानव जाति के पालन से जूड़ी है सूर्य उपासना

Chhath Puja: महान लोक आस्था का महापर्व छठ मुख्य रूप से सूर्य के प्रत्यक्ष उपासना का पर्व है. हम बिहारी सूर्य जैसे जाग्रित और प्रत्यक्ष देवता की पूजा सदियों से करते आ रहे हैं. सूर्य समस्त मानव जाति के पालक और धारक हैं. सूर्य का वेदों में वर्णित महत्व का दर्शाती अनिकेत त्रिवेदी की रिपोर्ट.

Chhath Puja: महान लोक आस्था का महापर्व छठ मुख्य रूप से सूर्य के प्रत्यक्ष उपासना का पर्व है. हम बिहारी सूर्य जैसे जाग्रित और प्रत्यक्ष देवता की पूजा सदियों से करते आ रहे हैं. सूर्य समस्त मानव जाति के पालक और धारक हैं. सूर्य ने निकलने वाली किरणें प्रदूषण का नाश करती हैं. वहीं, सूर्य में इतनी ऊर्जा है जो मानव जाति के आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकती है. छठ महापर्व के दौरान आस्था के केंद्र बिंदु सूर्य का वेदों में वर्णित महत्व का दर्शाती अनिकेत त्रिवेदी की रिपोर्ट…

ऊर्जा का श्रोत है सूर्य

सूर्य का ऊर्जा का अपार श्रोत है. इंटरनेशन एनर्जी एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2026 तक 121 गीगावाट लक्ष्य अक्षय ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को आधार बना कर चल रहा है. अक्षय ऊर्जा के उपयोग के मामल में भारत विश्व का पांचवा देश है. वहीं दूसरी तरफ हिंदू धर्म के आधार यानी चारों वेदों में सूर्य को ऊर्जा का विशाल स्त्रोत माना गया है. सौर मंडल का केंद्र सूर्य ही है जिसके चारों और सभी ग्रह परिक्रमा करते हैं. सूर्य सौर मंडल को ऊर्जा देता है. ऋग्वेद(1.112.1), यजुर्वेद(7.42) और अथर्ववेद(13.2.35) में एक श्लोक है ‘सूर्य आत्मा जगतस्तस्थुषश्च’ जो कि क्रमशः सूर्य को ऊर्जा मानने की पुष्टि करता है.

अनेक सूर्य की परिकल्पना

वेदों में कुल सात सूर्य की परिकल्पना की गयी है. ब्रह्मांड में सूर्य अनेक हैं. इस बात का प्रमाण ऋग्वेद(9.114.3) में मिलता है. यह मंत्र है, ‘सप्त दिशो नानासूर्या:। देवा आदित्या ये सप्त।’ यानी सूर्य अनेक हैं. यहां सात सूर्य से आशय सात सौरमंडल से है, लेकिन विज्ञान ने अभी तक एक ही सौर मंडल की खोज हो सकी है.

ऊर्जा का श्रोत और प्रदूषण का नाशक है सूर्य

विज्ञान से पहले हमारे वेदों में यह वर्णित था कि सूर्य के चारों ओर विशाल गैस का भंडार है. यह बात ऋग्वेद(1.164.43) में मंत्र, ‘शकमयं धूमम् आराद् अपश्यम्, विषुवता पर एनावरेण।’ यानी सूर्य के चारों और दूर-दूर तक शक्तिशाली गैस फैली हुई हैं. यहां गैस के लिए धूम शब्द का प्रयोग किया गया है. सूर्य प्रदूषण नाशक भी है इस बात का उल्लेख अथर्ववेद (3.7) में मिलता है. इसे मंत्र, ‘उत पुरस्तात् सूर्य एत, दुष्टान् च ध्नन् अदृष्टान् च, सर्वान् च प्रमृणन् कृमीन्।’ से उल्लेखित किया गया है. यानी इसका अर्थ है सूर्य का प्रकाश दिखाई देने वाले और न दिखाई देने वाले सभी प्रकार के प्रदूषित जीवाणुओं और रोगाणुओं को नष्ट करने की क्षमता रखता है.

संसार के धारक और पालक हैं सूर्य

सूर्य चंद्रमा को प्रकाश देता है. यह बात सदियों पहले हमें इन्हीं वेदों से मिलती है. यजुर्वेद(18.40) में मंत्र है, ‘सुषुम्णः सूर्य रश्मिः चंद्रमा गरन्धर्व, अस्यैको रश्मिः चंद्रमसं प्रति दीप्तयते।’ निरुक्त( 2.6) ‘आदित्यतोअस्य दीप्तिर्भवति।’ यानी सूर्य की सुषुम्ण नामक किरणें चंद्रमा को प्रकाश देती हैं. चंद्रमा का स्वयं का प्रकाश नहीं है. इसी तरह सामवेद में उल्लेखित है कि सूर्य संसार का धारक और पालक है. इसे मंत्र, सामवेद (1845) ‘धर्ता दिवो भुवनस्य विश्पति:’ में बताया गया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel