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सास पड़ी बीमार तो छठ करने हांगकांग से अकेली बिहार आ गयी बहू, व्रत करके नहीं टूटने दी घर की परंपरा..

Chhath Puja 2023: छठ महापर्व की परंपरा घर में कैसे कायम रहे इसकी मिशाल खगड़िया की एक बहू बनी हैं. जब सास बीमार पड़ी और सेहत का हवाला देकर बेटे के सामने व्रत को लेकर असमर्थता जतायी तो बहू ने परंपरा जीवित रखने की ठानी और हांगकांग से अकेली बिहार आ गयी.

Chhath Puja 2023: छठ महापर्व 2023 अब बिहार ही नहीं बल्कि विश्व के कई अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है. बिहार के प्रवासी लोग छठ पर्व के लिए अपने घर जरूर लौटते हैं. उन्हें इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. विदेशों में भी अब छठ पूजा की धूम देखी जाती है. इंग्लैंड में बिहार-झारखंड के चार सौ परिवार एक साथ अर्घ देंगे. जबकि 20 वर्षों से हांगकांग में रहने वाली एक बहू छठ पूजा करने के लिए बिहार आयी है. खगड़िया की बहू शिवानी सिंह की सभी तारीफ कर रहे हैं. अपनी सास की सेहत खराब होने की जानकारी मिलते ही उन्होंने व्रत का भार अपने ऊपर ले लिया. शिवानी सिंह ने खरना का प्रसाद बनाया और सबके बीच वितरण किया.

20 वर्षों से हांगकांग में रहने वाली बहू आयी बिहार

20 वर्षों से हांगकांग में रहने वाली एक बहू छठ पूजा करने के लिए 17 नवंबर को घर पहुंच गयी. छठ मैया के प्रति आस्था और परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम हैं, जो कि हांगकांग से जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुवानी पंचायत के अगुआनी गांव तक का सफर शिवानी सिंह अकेले ही तय कर ली. बताया जाता है कि अगुआनी गांव निवासी शिवानी के पति प्रवीण कुमार सिंह हांगकांग में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. काम की व्यस्तता व बच्चे के एग्जाम की वजह उनके पति व बच्चे 19 को पहुंचेंगे. ऐसे में शिवानी अकेले ही आने का फैसला लिया.

सास ने सेहत को लेकर जतायी चिंता तो एक्टिव हुआ परिवार..

बताया जाता है कि बीते वर्ष इंजीनियर की मां ने अपने बेटे से महज इतना कहा था कि स्वास्थ्य कारणों से वह अब छठ पूजा नहीं कर पायेगी और इस बार वह छठ पूजा बैठा लेंगी. बस इतना सुन आगे छठ पूजा करने की जिम्मेदारी लेने बहू हांगकांग से खगड़िया पहुंच गयी. शिवानी सिंह सासू मां के बदले स्वयं छठ कर रहीं हैं. शिवानी इस परंपरा का निर्वहन करने का संकल्प ले चुकी है. जानकारी के अनुसार शिवानी अपने पति के साथ पिछले 20 सालों से हांगकांग में रह रही है. इस बीच उन्हें मात्र 2 से 3 बार छठ पर्व के अवसर पर ससुराल आने का मौका मिला. बताया जाता है कि 67 वर्षीय उनकी सासू मां रूपा सिंह 32 साल पहले अपने सास योगमाया देवी से छठ करने का संकल्प लिया था.

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बिहार- झारखंड के करीब 400 परिवार इंग्लैंड में एकसाथ देंगे अर्घ्य

महापर्वछठ की तैयारी विदेशों में भी देखी जा रही है. महीनों से लोग इस पर्व की तैयारी में जुटे हैं. दरअसल, झारखंड- बिहार के लोग इंग्लैंड के सीड्स शहर में ”बिहारीज बियॉन्ड बॉउंड्रीज ग्रुप” के सौजन्य से छठ पूजा का आयोजन करते हैं. इस बार वहां, मौजूद मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है. बता दें कि, इस बार बिहार और झारखंड के करीब 400 परिवार एक ही जगह जुट रहे हैं. वे सभी एक साथ भगवान सूर्य को अर्घ देने की तैयारी में हैं. बिहारझारखंड में चार दिवसीय छठ की परंपरा की तरह ही वहां भी पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से शुरू हो रही है. बोकारो से ताल्लुक रखने वाले संस्था के संयोजक अजय कुमार बताते हैं कि वर्ष 2022 से वे लोग छठ पूजा कर रहे है. पिछली बार करीब 300 परिवारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी थी. इस वर्ष 100 अतिरिक्त परिवारों के जुटने की पुष्टि की गयी है.

एडिनबर्ग में छठपर्व मना रहे बिहार के लोग

पटना, भागलपुर नवादा व बिहार के अन्य जिले के आइटी प्रोफेशनल्स भी विदेशों में मिल जुलकर छठ महापर्व कर रहे हैं. लोक आस्था के इस महापर्व छठ को मनाने की परंपरा को वो घर से दूर विदेश में रहकर भी नहीं भूले. यूरोपीय देश स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग शहर में बिहार के 75 से अधिक परिवार धूमधाम से छठपर्व मना रहे हैं. एडिनबर्ग में रह रहे प्रवासी बिहारियों ने प्रभात खबर को बताया कि समुद्रतट पर अर्घ के लिए सभी 75 परिवारों का जुटान होगा. 17 नवंबर से नहाय खाय के अनुष्ठान के साथ छठपर्व का शुभारंभ हुआ. एडिनबर्ग में छठपर्व मनाने की तैयारी में भागलपुर के मानिक सरकार बैंक कॉलोनी निवासी दंपति स्वयं प्रकाश व अनिमा तिवारी भी लगे हुए हैं.

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