कार्रवाई
एफआइआर दर्ज करने की चल रही तैयारी
राज्य सरकार की सख्ती के बाद डीइओ ने वेतन बंद करने का जारी किया निर्देश, असहयोग का है आरोप
945 प्रतिनियुक्त शिक्षकों में से 154 कर रहे मूल्यांकन
बेतिया : इंटरमीडिएट व मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में असहयोगात्मक रवैया अपनाने वाले शिक्षकों पर विभाग ने नकेल कसना शुरू कर दिया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी विश्वनाथ साह ने शहर में मूल्यांकन के लिए बनाए गए चार मूल्यांकन केंद्रों पर योगदान नहीं करने वाले जिले के 791 हाई व प्लस टू स्कूल शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने का निर्देश डीपीओ स्थापना बीएन सिंह को दिया है.
डीइओ का तर्क है कि शिक्षकों के रवैये के चलते मूल्यांकन कार्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इसकी वजह से छात्रों के परीक्षा परिणाम में काफी विलंब होने की संभावना बढ़ गई है. शिक्षा विभाग व बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने शिक्षकों की कारगुजारी पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. इसके साथ ही विभाग ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाह शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई का फरमान जारी किया है. विभाग से मिले निर्देश के आलोक में डीईओ ने डीपीओ को प्रेषित पत्र में स्पष्ट किया है कि जो शिक्षक मूल्यांकन में सहयोग कर रहे हैं, वैसे शिक्षकों का वेतन भुगतान केंद्र निदेशक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने असहयोग कर रहे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की चेतावनी भी दी है.
बता दें कि इंटर उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 15 मार्च और मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 1 अप्रैल से करने का निर्देश विभाग ने जारी किया था. लेकिन शिक्षकों के बहिष्कार की वजह से करीब एक माह तक मूल्यांकन कार्य बाधित रहा. इधर, सरकार की सख्ती के बाद मूल्यांकन कार्य शुरू हो चुका है. लेकिन मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की संख्या काफी कम है. इसकी वजह से मूल्यांकन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि इंटर और मैट्रिक उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए चारों मूल्यांकन केंद्रों पर 945 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है. जिसके विरुद्ध अब तक मात्र 154 परीक्षक ही अपना योगदान दे सके हैं.
31वें दिन भी हड़ताल पर रहे वित्त रहित शिक्षक
बेतिया : वित्त रहित शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले पिछले 31 दिनों से इंटर कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे वित्त रहित शिक्षा शिक्षक बुधवार को भी अपने आंदोलन पर डटे रहे. हालांकि प्रशासन की सख्ती के बाद वे राज स्कूल मूल्यांकन केंद्र गेट से हटकर संत कबीर चौक पर अपना आंदोलन कर रहे हैं.
शिक्षकों ने इस दौरान आरोप लगाया कि सरकार मूल्यांकन के नाम पर वैसे शिक्षकों से कार्य ले रही है, जो मानक को पूरा नहीं करते हैं. प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षकों से भी मूल्यांकन की तैयारी की जा रही है. जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इस दौरान शिक्षकों ने सरकार पर दमनकारी नीति अख्तियार करने का आरोप लगाया. मौके पर परवेज आलम, भाकपा नेता ओमप्रकाश क्रांति, सुनील राव, सुमन कुमार मिश्र, मारकंडे किशोर राय, शशिभूषण श्रीवास्तव सहित दर्जनों वित्त रहित शिक्षक आंदोलन में शामिल रहे.