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हर चौथे घर में फूटे गुल्लक

परेशानी. 500 व 1000 के नोट बंद होने की घोषणा के बाद चर्चा में लगे रहे लोग बेतिया : देशभर में पांच सौ व एक हजार नोट की बंदी के बाद उसका व्यापक असर बेतिया में देखने को मिला़ रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी के लोग भटकते रहे. छुट्टे पैसे नहीं मिले़ ज्यादातर लोगों ने […]

परेशानी. 500 व 1000 के नोट बंद होने की घोषणा के बाद चर्चा में लगे रहे लोग

बेतिया : देशभर में पांच सौ व एक हजार नोट की बंदी के बाद उसका व्यापक असर बेतिया में देखने को मिला़ रोजमर्रा के सामानों की खरीदारी के लोग भटकते रहे. छुट्टे पैसे नहीं मिले़ ज्यादातर लोगों ने दुकानों से उधारी से कार्य चलाया़ वहीं हर चौथे घर में या तो गुल्लक फोड़े गये या फिर महिलाओं द्वारा बचाकर रखा गया पैसा काम आया़
लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी. नोटों की बंदी ने लोगों के दिनचर्या को भले ही प्रभावित किया, लेकिन अधिकांश लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया. कहा कि राष्ट्रहित में थोड़ी परेशानी भी चलती है. इसमें ज्यादा कुछ नहीं है. फिर भी एकाएक नोटों के परिचालन बंद होने से आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. लोग हजार-पांच सौ का नोट लेकर खुदरा के लिए भटकते रहे. लेकिन कहीं भी उन्हें छुट्टा पैसा नहीं मिला.
इस दौरान रोजमर्रा की जरूरते पूरी करने के लिए लोग भाग-दौड़ करते रहे. हर वर्ग को इससे जूझना पड़ा़ बता दें कि मंगलवार की रात प्रधानमंत्री द्वारा नोटों की बंदी की घोषणा करते ही शहर के एटीएम पर भीड़ लग गई़ लोग सौ रुपये के नोट निकालने का प्रयास करने लगे. लेकिन, अधिकांश एटीएम खाली ही रहे. यहां भी लोगों को सफलता नहीं मिली़
ईंधन मिलेगा, छुट्टा नहीं : हजार-पांच सौ के नोटों पर आधी रात से पाबंदी लग जाने के बाद पेट्रोल पंपों ने लोगों को कुछ राहत दिया.शहर के अधिकांश पेट्रोल पंपों पर छोटे-बड़े वाहनों की लंबी कतारें दिखी. लोग हजार-पांच सौ का नोट लेकर अपने-अपने वाहनों में इंधन भरवाने पेट्रोल पंप पर बुधवार को पहुंचे थे. उन्हें यह उम्मीद थी कि इंधन भरवाने के बाद पंपों से छुट्टा मिल जायेगा. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. पेट्रोल पंपों पर इंधन तो मिला, लेकिन बड़े नोटों का छुट्टा नहीं. हालांकि ग्रामीण इलाकों के पंपों पर इंधन भरवाने के बाद लोगों का नाम लिखकर पंप संचालक की ओर से बाकी पैसों का भुगतान के लिए शाम में करने की बात कहा गया.
उधारी पर दिन-भर चला बाजार : बड़े नोटों पर पाबंद के बाद बुधवार को दिन-भर बाजार में रौनकता कम दिखी. हालांकि लोगों को जरुरत का समान के लिए परेशान नहीं होना पड़ा. बड़ा नोट दिखाकर लोग अपने दिनचर्या के समानों को उधार लेते रहे. दुकानदारों ने भी परिचय का लाभ जरूरत मंदों को खूब दिया. बड़े नोट भले हीं नहीं लिये, लेकिन उनके आवश्यकताओं की पूर्ति जरूर किये.
सब्जी का बाजार भी रहा नरम : आमदिनों की जगह बुधवार को सब्जी का बाजार नरम दिखा.कारण कि बड़े नोटों पर रोक लगने के बाद खरीदारों की संख्या तो दिखी. पर सब्जी की खरीदारी के मात्रा पर काफी कमी देखा गया.सब्जी दुकानदारों ने बड़े नोट लेने से इंकार किया. जिसकी वजह से लोग उपलब्ध पैसे के हिसाब से हीं थोड़ी-बहुत सब्जी लेकर चलते बने.
बच्चों का गुल्लक आया काम : 500-1000 के नोटों पर पाबंदी लगने से उत्पन्न हुई पैसों की समस्या से निजात दिलाने में बच्चे काम आये. पाई-पाई कर गुल्लक में जमा कि गई बच्चों की बचत की राशि बुधवार को परिवार के काम आया. बच्चों के छुट्टे पैसे से हीं अधिकांश मध्यम व गरीब परिवारों का चुल्हा जल पाया.
बड़े नोटों ने बढ़ायी छात्रों की परेशानी, बिना फाॅर्म भरे लौटे छात्र : छठ की लंबी छुट्टी के बाद बुधवार को कॉलेज खुलने के बाद छात्र डिग्री टू व थ्री का परीक्षा फार्म एवं इंटर का पंजीयन कराने कॉलेज पहुंचे. लेकिन मंगवार की आधी रात से बंद हुए पांच सौ- हजार के नोटों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी. कॉलेज प्रशासन ने प्रतिबंध किये गये बड़े नोटों को लेने से मना कर दिया. जिसके कारण छात्रों को बिना फार्म भरे व नामांकन कराये वापस लौटना पड़ा.
बैंकों की परीक्षा आज, जुटेगी भीड़
बुधवार को पूरे दिन जिले भर की बैंक की शाखाएं ग्राहकों के लिए बंद रहीं. हालांकि कर्मचारी अपना काम करते रहे़ एटीएम के शटर भी गिरे रहे़ अब गुरूवार को बैंक खुलेंगे. ऐसे में भारी भीड़ लगने की संभावना व्यक्त की जा रही है़ बैकों के लिए परीक्षा के दिन से यह कम नहीं होगा.
बेतिया के लोगों ने दी िमली-जुली प्रतििक्रया
नोटों की बंदी के पहले िदन का चला खर्च
पेट्रोल पंपों पर लगी भीड़.
सांसद डाॅ संजय जायसवाल ने की सराहना : पश्चिम चंपारण के सांसद डाॅ संजय जायसवाल ने बड़े नोटों पर मोदी सरकार के लिये गये फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद किसी सरकार द्वारा राष्ट्रहित में लिया गया यह सबसे बड़ा व ऐतिहासिक निर्णय है. हालांकि मध्यम वर्ग को कुछ दिन परेशानी जरूर उठानी पड़ेगी. लेकिन सरकार के इस फैसले से घुसखोरी, भ्रष्टाचार, कालाधन, हवाला कारोबारी, जाली नोट व आतंकबाद के फडिंग पर लगाम कसेगा. उन्होंने कहा कि आमलोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है.

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