28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अफसरों ने पैसा ले नहीं दिलायी भूमि, ठोंका 205 करोड़ का दावा

भले ही जिले के प्रशासनिक अफसर तत्परता से विभागीय कार्य करने का दावा कर रहे हों, लेकिन उनकी लापरवाही तत्परता की पोल खोल रही है़ ताजा मामला इंडो -नेपाल बार्डर सड़क निर्माण का है़ आरोप है कि विभाग पैसा लेने के दो साल बाद भी सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं कर सका है़ […]

भले ही जिले के प्रशासनिक अफसर तत्परता से विभागीय कार्य करने का दावा कर रहे हों, लेकिन उनकी लापरवाही तत्परता की पोल खोल रही है़ ताजा मामला इंडो -नेपाल बार्डर सड़क निर्माण का है़ आरोप है कि विभाग पैसा लेने के दो साल बाद भी सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं कर सका है़

बेतिया : भू-अर्जन विभाग के अफसरों ने सड़क निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण कर जमीन मुहैया कराने के नाम पर 158 करोड़ रुपये ले लिये और दो साल बाद भी जमीन उपलब्ध नहीं करायी़ अब दो साल बाद भी भूमि नहीं मिलने से नाराज कार्यदायी एजेंसी ने सड़क निर्माण का अनुबंध बंद करने के संग-संग अब 205 करोड़ रुपये का दावा ठोक दिया है़ इसके बाद से पथ निर्माण व भू-अर्जन विभाग के अफसरों के हाथ-पांव फूलने लगे हैं. चिठ्ठी-पत्री लिखने का सिलसिला शुरू हो गया़
सभी अपना गला बचाने में जुट गये हैं. मामला 19 अरब की लागत से होने वाले इण्डो-नेपाल बार्डर सड़क निर्माण का है़ सरकारी रिकार्ड के मुताबिक, भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से इण्डो-नेपाल बार्डर पर सुरक्षा एजेंसियों की सहूलियत के लिए सड़क निर्माण कराया जा रहा है़ उत्तरप्रदेश के बाद अपने पश्चिम चंपारण जिले में यह 110 किमी सड़क बननी है. इसके लिए गुडगांव हरियाणा की एनकेसी प्रोजेक्ट लिमिटेड को 19 जनवरी 2013 में ही 19 अरब की लागत से सड़क बनाने का अनुबंध मिला़ सड़क निर्माण 18 जुलाई 2015 में पूरा करा देना था. हालांकि सड़क निर्माण के लिए भूमि मुहैया कराने की जिम्मेवारी पथ निर्माण विभाग की थी़
इसके लिए पथ निर्माण विभाग ने भू-अर्जन कार्यालय को दो साल पहले 158 करोड़ रुपये भी भूमि अधिग्रहण के लिए दे दिया़ इधर, टेंडर में सड़क निर्माण की तिथि भी बीत गई और एजेंसी को भूमि मुहैया नहीं हो सका़ इससे नाराज एजेंसी ने अपने हाथ खड़े कर दिये हैं और 205 करोड़ रुपये के नुकसान होने का दावा ठोका है़
दो मौजे में काम होने के बाद बंद है निर्माण
इंडो-नेपाल बार्डर पर बनने वाले इस अहम सड़क का जिले के महज दो मौजे भंगहा व नगरदेही में ही विभाग द्वारा भू-अधिग्रहण कर जमीन मुहैया करायी गयी है़ जहां सड़क निर्माण हो चुका है. इसके अलावे एजेंसी ने सड़क निर्माण के रास्ते में पड़ने वाले कुछ पुल-पुलिया का भी निर्माण पूरा करा चुकी है.
लेकिन, इधर जमीन नहीं मिलने से निर्माण बंद है़ हालांकि एजेंसी की ओर से सड़क निर्माण के लिए मंगवाये गये मशीन, उपकरण, सामग्री आदि के नुकसान की बात कही जा रही है़
94 मौजे में दिलाना है 819 एकड़ भूमि
सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, इण्डो-नेपाल बार्डर पर बनने वाले इस सड़क के लिए जिले के 94 मौजे से करीब 819 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने के बाद कार्यदायी संस्था को मुहैया करानी है़ इसके लिए एजेंसी की ओर से कई बार पथ निर्माण विभाग और पथ निर्माण विभाग से भू-अर्जन को पत्राचार करने का दावा किया जा रहा है. लेकिन, लापरवाही ही है कि अभी तक जमीन मुहैया नहीं हो सकी़
चूक पर चूक, पड़ी भारी
158 करोड़ लेने के दो साल बाद भी इण्डो-नेपाल बार्डर सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण नहीं करने का मामला, एजेंसी ने खड़े किये हाथ
पथ निर्माण विभाग ने समाहर्ता को पत्र लिख जताई चिंता, 94 मौजे में भू-अर्जन विभाग को उपलब्ध कराना था भूमि
भूमि-अधिग्रहण के लिए दो साल पहले ही भू-अर्जन विभाग को मिले थे 158 करोड़ रुपये
गुडगांव की कंपनी को मिला था सड़क का टेंडर, करीब 20 अरब की लागत में बननी है सड़क
महज दो मौजे में उपलब्ध भूमि पर हुआ है काम, दो साल से भूमि अनुलब्धता के कारण ठप है निर्माण
अब एजेंसी ने अनुबंध बंद करने के साथ ठोका 205 करोड़ का
दावा
भू-अर्जन निदेशालय से इस भूमि-अधिग्रहण मामले में त्रुटि निराकरण के लिए संचिका वापस आ गयी थी़ अब त्रुटि निराकरण कर पुन: संचिका निदेशालय को भेजा गया है़
नुरूल हक शिवानी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी बेतिया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें