स्कूल के लिए ले-आउट निकालने का निर्देश
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तस्करी का बढ़ा धंधा, बेतिया के लोग भी हुए शामिल
स्कूल के लिए ले-आउट निकालने का निर्देश करीब चार कट्ठा जमीन पर दस वर्षों से चलता था विद्यालय जमीन का विवाद विवादित भूमि को लेकर बीस साल का एक युवक की हुई थी हत्या 13वां पंचायती उप सरपंच के नेतृत्व मे हुआ सफल गौनाहा : प्रखंड के धनौजी पंचायत के बहुअरवा गांव में दस वर्षों […]
करीब चार कट्ठा जमीन पर दस वर्षों से चलता था विद्यालय जमीन का विवाद
विवादित भूमि को लेकर बीस साल का एक युवक की हुई थी हत्या
13वां पंचायती उप सरपंच के नेतृत्व मे हुआ सफल
गौनाहा : प्रखंड के धनौजी पंचायत के बहुअरवा गांव में दस वर्षों से विद्यालय के जमीन पर चल रहा विवाद रविवार को थमा. वहीं अंचलाधिकारी ने प्रधान शिक्षिका को विद्यालय भवन के नव निर्माण के लिए ले आउट कराने का आदेश दे दिया है. विदित हो कि उक्त विद्यालय का जमीन जिसका रकबा 41 डी है .
इसका जमाबंदी नंबर 181 है. जिस पर आज से दस वर्ष पूर्व झोपड़ी का विद्यालय बना कर पांच क्लास तथा बच्चों का पठन-पाठन का कार्य चलता था. परंतु उक्त जमीन को गांव के ही दर्जनों लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया तथा विद्यालय चलना बंद कर दिया गया. जिसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गयी और गांव का ही नबी मियां का 20 वर्षीय पुत्र शगीर मियां की हत्या हो गयी.
विद्यालय की जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रखंड के कई गणमान्य लोगों द्वारा इसके पूर्व मे दस वर्षों मे कुल दस बार पंचायती हुई थी. परंतु मामले का निदान नहीं हो सका था. वहीं कल अंचलाधिकारी कौशल किशोर सिंह, थानाध्यक्ष केएम गुप्ता, एसआई रियाजुल खान व पुलिस बल के उपस्थिति मे पंचायत के उप सरपंच राजेश यादव के नेतृत्व मे मामला शांत हुआ तथा सीओ द्वारा प्रधान शिक्षिका अनिशा खातून को राजकीय प्राथमिक विद्यालय बनाने के लिए आदेश दे दिया गया
तथा सरकारी अमीन द्वारा जमीन का पैमाइस करा कर उक्त रकबे की जमीन को भवन निर्माण के लिए प्रधान शिक्षिका के हवाले कर दिया गया. उक्त भवन निर्माण के लिए कई माह पूर्व करीब तेरह लाख की राशि उपलब्ध है. जो जमीन के विवाद को लेकर भवन निर्माण नहीं हो सका था.
पंचायती सफल कराने मे रामकेश्वर राम, महबूब मियां, भिखारी साह, अदालत मियां, कामेश्वरी यादव, नूरी मियां, मोबारक मियां आदि लोगों की अहम भूमिका रही.
एसडीएम ने किया निरीक्षण
लौरिया. अनुमंडल पदाधिकारी नरकटियागंज अरविंद मंडल द्वारा प्रखंड एवं अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया. अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा आरटीपीएस कार्यालय मे संचिका को जांच किया.
जांच के दौरान आरटीपीएस कर्मी को कार्यों मे तेजी लाने का निर्देश दिया. श्री मंडल ने आईसीडीएस कार्यालय का भी निरीक्षण किया. मौके पर अंचल निरीक्षण एलपी शर्मा सहित प्रखंड कर्मी सहित अंचल कर्मी उपस्थित थे.
क्रिसमस है खुशियों का पर्व, ईशवंदना में नाचने का पर्व
2015 वर्ष पहले प्रभु यीशु का जन्म बेथलेहम के एक गौशाला में हुआ था़ प्रभु यीशु का जन्म हमें एक विशेष देती है़ जन्म गोशाला होने से हम जान सकते हैं एक महान व्यक्ति होकर साधारण और गरीबी में अपना जीवन बिताया़ यह क्राइस्ट और मास दो शब्दो से बना है़ इसमें िक्रस का अर्थ ईसामसीह और मास का मतलब है िक ईसाइयों का प्रार्थना समूह़ या फिर मास़ 16 वीं शताब्दी के मघ्य से क्राइस्ट शब्द को रोमन अक्षर एक्स से भी दर्शाने की प्रथा थी़
इसी कारण इसे एक्समस भी कहा जाता है़ िक्रसमस का दूसरा नाम है सेलिब्रेशन यानि कैरोल्स, िक्रसमस ट्री, सांता क्लॉज , केक, कैंडल्स, कार्डस , िगफटस और ढेर सारी मस्ती ़ कैरोल्स का मतलब है होता है क्रिसमस के स्तुति गीत़ इस शब्द का जन्म फ्रेंच भाषा के शब्द कैरोलर से हुआ है़ इसका अर्थ होता है घूमते हुये
नाचना़ िक्रसमस के दौरानोग ईश्वर की प्रसन्नता में कैरोल गाते हैं़ एक-दूसरे के घर जाकर उन्हें प्यार और भाईचारे का संदेश का संदेश देता है़ लोकप्रिय िक्रसमस का गीत जिंगल बेल , िजंगल बेल , ऑल द बेल, को 1857में जेम्स पियरपाट ने कंपोज िकया था़ जो पहले वन हार्स ओपन स्लेज के नाम से जाना जाता था़
असल में यह धन्यवाद देने के लिये लिखा गया गीत था़
क्रिसमस का नाम लेते ही लाल कोट , लाल पैंट , लाल टोपी़, पहले सफेद दाढ़ी वाले उस महान संत की याद आती है़ जो उपहारों से भरी हुई होती हैं़ जो हमारी इच्छाओंको पूरी करती हैं़ बताया जाता है िक बालक सांता क्लॉज अनाथ के रुप में नैंसी नाम की एक महिला को जंगल में मिले थे़
नैंसी ने बच्चे का नाम क्लॉज रखा़ िजसका मतलब होता है छोटा बच्चा़ वे बाद में नि-क्लॉज और फिर सांता क्लाज कहलाने लगे़ उन्होंने अपना पूरा जीवन बच्चों के बीच खुशियों को बांट देने और मानवता की सेवा में ही बिताया़ दिलचस्प है कि ईसामसीह के जन्म कथा और सांता क्लॉज की कहानी का कोई संबंध नहीं है़
मान्यता है िक सांता क्लॉज की एक रात पहले 24 दिसंबर को उड़ने वाले रेनडियर स्लेज पर सवार होकर ि्रकसमस समारोह में पलक झपकते ही पहंुच जाता है़ सांता क्लॉज (ंसंत निकोलस ) तुिर्कस्तान के मारो नामक के शहर के िबशप थे़ वे गरीबों और बेसहारा बच्चों को उपहार दिया करते थे़
आज भी दुनिया भर के बच्चे िक्रसमस की रात सांता क्लॉज यानि ि्रकसमस बाबा के आने का इंतजार बेसब्री से करते हैं़ उनकी हंसी हो हे मेरी क्रिसमस , बच्चों के दिलों दिमाग में खुशियां भर देती है़ सांताक्लॉज की मृत्यु छह दिसंबर को हुई थी़
क्रिसमस के मौके पर क्रिसम ट्री का विशेष महत्व है़ यूरोप में मान्यता है िक जिस रात ईसामसीह का जन्म हुआ , जंगल में सारे पेड़ जगमगाने लगे थे़ फलों से लद गये थे़ इसी कारण लोग ट्री को रंग-बिरंगे मोमबत्तियों , लाइटस और घंटियों से सजाते हैं़ ऐसा माना जाता है िक सदाबहार पेड़ की पत्तियों के प्रयेाग से लोगो ंके जीवन में में निरंतरता आती है़
घंटियों के लगाने से बुरी आत्मायें दूर रहती हैं़ घर में खुशियों का वास हो, इसके लिये परियों की मूर्त्तियां लगाई जाती हैं़ ेेेेएक कथा के अनुसार जब जीसस पैदा हुये थे तब एक तारा टूट कर गिरा था ़ इसी को प्रतीक के रुप में क्रिसमस ट्री पर सबसे उपर गोल्डन स्टार सजाया जाता है़
फ्रांस ने अमेरिका को 1886में क्रिसमस गिफ्ट के तौर पर स्टैच्यू आफ लिबर्टी दिया था़ जिसका नाम सबसे बड़े क्रिसमस उपहार के रुप में िगनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज है़ इसके साथ ही पहल क्रिसमस डाक टिकट कनाडा में 1898में जारी िकया गया था़
पहला िक्रसमस रोम के बिशप िलबेरियस ने 354 ईस्वीमें 25 दिसंबर को मनाया था़
इसके बाद से ही समूचे िवश्व में क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया था. इसके बाद से ही समूचे िवश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है़ पर रुस जांजियां, मिस्र, यूक्रेन और सर्बिया आदि देशाें में लाेग सात जनवरी को क्रिसमस मनाते हैं़ इसका प्रमुख कारण विभिन्न देशाें के अपने -अपने पारंपरिक कैलेंडर 25 दिसंबर रोमन और ग्रेगोरियन कैलेंडरों के अनुसार यह सात जनवरी को िक्रसमस मनाने का मूल कारण ईसा मसीह के दिव्य संदेश , प्रेम , भाईचारा,क्षमा जैसे मूल्यों पर आधारित है़
राकेश डिकू्ज , क्रिश्चन क्वार्टर, वार्ड नंबर आठ , बेतिया
िक्रसमस पर्व
कैरोल्स का मतलब है होता है क्रिसमस के स्तुति गीत
क्रिसमस के साथ संाता क्लाज का चरित्र घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है़
बालक सांता क्लॉज अनाथ के रुप में नैंसी नाम की एक महिला को जंगल में मिले थे
नैंसी ने बच्चे का नाम क्लॉज रखा
ईसा को याद करना और इंसानियत की राह पर चलना ही िक्रसमस
ईसा को याद करना और इंसानियत की राह पर चलना ही िक्रसमस है़ ि्रकसमस में लोग सांता क्लाज , क्रिसमस ट्री , कैरोल , गौशाले , सितारे और मोमबत्तियों की चमक , घंटियों की खनखनाहट , चारों तरफ सुंदर सजावट ,िबजली के जगमगाते बल्ब, ग्रीिटंग कार्ड , केक , महकते फूलों , चहकते बच्चों को देखकर , कहते हैं-हैप्पी िक्रसमस़ लेकिन जब हम अपनी निगाहों काे चारों ओर दौड़ाते हैं तो क्या पाते हैं ? दुनिया में िकतने लोगों को यह क्रिसमस नसीब होता है़
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