बक्सर
. नगर में कथित तौर पर मानकों को दरकिनार कर निर्माण कार्य लगातार जारी है. जिसपर किसी भी प्रकार की अंकुश नहीं है. जिसके कारण लोगों की गाढ़ी कमाई का नगर परिषद कार्य के नाम पर बंदरबांट कर रहा है. हर योजना के लिए अलग-अलग मानक अपनाया गया है. एक ही गली में एक योजना की बजाय नाली व गली का निर्माण कार्य अलग-अलग योजना के तहत कराया जा रहा है. वहीं किसी भी कार्य स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड को लगाया नहीं जा रहा है. जिसके कारण लोगों को निर्माण कार्य की जानकारी भी नहीं प्राप्त हो रही है. जिसका लाभ नगर परिषद उठा रहा है. स्थिति यह है कि किसी गली नाली का निर्माण ईंट सोलिंग कर कराया जा रहा है तो किसी गली व नाली का निर्माण सीधे जमीन पर ही ढाल दिया जा रहा है. जिससे लाेगों में आक्रोश है. नगर के वार्ड नंबर 33 में बाबा नगर में एक गली में नाली निर्माण का कार्य ईंट सोलिंग कराकर तो वहीं वार्ड नंबर 33 में ही एक होटल के ठीक सामने बिना ईंट सोलिंग का ही नाली की ढलाई कर दिया गया है. जिससे जगह-जगह पानी का रिसाव भी है. वहीं दूसरी ओर दूसरी योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू कराया गया है. इसके साथ ही वार्ड नंबर 14 में हो रहे निर्माण कार्य भी में गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं कराने का आरोप है. जिससे जगह-जगह पानी का रिसाव भी है. वहीं दूसरी ओर दूसरी योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू कराया गया है.इसके साथ ही वार्ड नंबर चौदह में भी नये निर्माण कार्य में अनियमितता का आरोप मुहल्लेवासी लगा रहे हैं. 15 लाख से अधिक की योजना को करना हैै टेंडर : नगर परिषद के अंतर्गत किसी योजना की राशि 15 लाख रूपये से ज्यादा होने पर टेंडर की प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी. जिसमें नगर परिषद के अधिकारियों व कर्मियों का अपना हित अपेक्षाकृत प्रभावित होगा. जिसके कारण एक ही गली के नाली व सड़क का निर्माण कार्य अलग-अलग योजना के तहत कराया जा रहा है. जिससे कार्य योजना की राशि निर्धारित 15 लाख रूपये की राशि अधिक नहीं हो सके.जिससे कार्य योजना की राशि निर्धारित 15 लाख रूपये की राशि अधिक नहीं हो सके. जिससे टेंडर की प्रक्रिया से वे बच सकें. जिससे टेंडर की प्रक्रिया से वे बच सकें. योजना स्थल पर नहीं लग रहा प्राक्कलन बोर्ड : किसी भी योजना को शुरू करने के पहले प्राक्कलन बोर्ड लगाना आवश्यक है. लेकिन नगर परिषद द्धारा प्राक्कलन बोर्ड की जगह कार्य पूरा होने के बाद उद़्घाटन बोर्ड जरूर लगा दिया जा रहा है. प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगने से लोगों को याेजनाओं की जानकारी नहीं मिल पा रही है. प्राक्कलन बोर्ड के लगने से लोगों को योजनाओं की जानकारी प्राप्त होती.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है