बक्सर. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण अवयवों में गंभीर लापरवाही सामने आयी. बैठक में आइपीडी एडमिशन, ओपीडी उपस्थिति, एक्सिडेंट केस, प्रतीक्षा समय, भ्रमण समय समेत विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा की गयी. सदर अस्पताल बक्सर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौगाईं के आइपीडी आंकड़ों में विसंगति पायी गयी, जिस पर सिविल सर्जन को स्वयं जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया. चौगाई, नावानगर, केसठ तथा शहरी पीएचसी बक्सर में अप्रैल 2025 में आपातकालीन ऑब्जरवेशन शून्य दर्ज हुआ, जबकि सिमरी में यह आंकड़ा मात्र छह रहा. संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया. वाइटल प्राप्ति और ओपीडी उपस्थिति में गिरावट और चिकित्सकों की देर से ओपीडी ज्वाइनिंग पर भी चिंता व्यक्त की गयी. औसत भ्रमण समय और प्रतीक्षा समय अधिक पाये जाने पर इसे क्रमशः 15 मिनट और 10 मिनट तक लाने का निर्देश दिया गया. भव्या उपकेंद्रों और पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों की खराब स्थिति पर डीएम ने खेद व्यक्त करते हुए सिविल सर्जन को स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया. एसएनएसीयू में मार्च 2025 की मृत्यु दर 6.6 प्रतिशत पायी गयी, जिसे चिंताजनक बताया गया. जिले को भव्या पोर्टल पर राज्य में 35वां स्थान मिला है. डीएम ने निर्देश दिया कि नियमित समीक्षा कर प्रगति सुनिश्चित की जाए और दोषी कर्मियों पर कार्रवाई हो. एनक्वास टीम को सहयोग न देने और दुर्व्यवहार के आरोप में राजपुर के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक का वेतन स्थगित कर स्पष्टीकरण मांगा गया है. डुमरांव अस्पताल के पांच डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर उनका वेतन भी रोका गया. सदर अस्पताल की मेट्रन आभा श्रीवास्तव पर भी अनुश्रवण में लापरवाही को लेकर वेतन रोकने का निर्देश दिया गया है. बैठक में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

