बक्सर. चौसा पावर प्लांट से प्रभावित किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज किये जाने का आरोप लगाते हुए किसान संगठनों ने प्रशासन और पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को नगर के स्टेशन रोड स्थित एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के बिहार-झारखंड संयोजक दिनेश कुमार ने कहा कि प्रशासन की मिलीभगत से पुलिस ने किसानों को डराने और आंदोलन को कमजोर करने की मंशा से यह कार्रवाई की है. उन्होंने कहा कि 20 मार्च, 2024 को हुई प्रशासनिक दमन की कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस ने किसान नेता अश्विनी चौबे उर्फ अंशु चौबे सहित अन्य किसानों पर झूठे आरोप लगाये हैं. अश्विनी चौबे केस नंबर 101/2024 में वांटेड हैं, जबकि उनके पास हाइकोर्ट का गिरफ्तारी पर रोक आदेश है. इसके बावजूद 10 मई को उन्हें असामाजिक तत्वों के साथ बैठक करने का आरोप लगाकर गिरफ्तार करने की कोशिश की गयी. बाद में यह दावा किया गया कि कुछ लोगों ने उन्हें वाहन से छुड़ाकर ले गये. दिनेश कुमार ने कहा कि इस कार्रवाई में लगभग 150 किसान जख्मी हुए हैं और सभी पीड़ित प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करायेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नये कानूनों के तहत गिरफ्तारी का वीडियो और फोटो अनिवार्य है, जो पुलिस ने अब तक प्रस्तुत नहीं किया है. एफआइआर में जिन तीन लोगों के नाम हैं वे घटना के समय कंपनी परिसर के अंदर कार्यरत थे. उनके हस्ताक्षर जबरन थंब लगाकर बनवाये गये हैं. उन्होंने कहा कि किसान डरने वाले नहीं हैं और इस अन्याय के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा. धरना-प्रदर्शन की शुरुआत होगी जिसमें स्थानीय विधायक और सांसदों का सहयोग भी लिया जायेगा. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि 20 मार्च की घटना के दोषियों पर दो से तीन दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा आंदोलन शुरू किया जायेगा. मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा के सचिव अशोक सिंह, खेतिहर मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह, किसान मुन्ना तिवारी, अजय मिश्रा समेत कई किसान नेता उपस्थित थे.
चौसा में पाइपलाइन बिछाने का मामला गरमाया
चौसा. प्रखंड क्षेत्र में किसानों की रैयती कृषि भूमि पर एसटीपीएल एवं एल एंड टी कंपनियों द्वारा बिना विधिवत पैमाइश, सहमति और पूर्व सूचना के पाइपलाइन बिछाये जाने को लेकर भारी आक्रोश फैल गया है. किसानों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और दबंग ठेकेदारों की मिलीभगत से यह कार्य जबरन कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है. किसानों और खेतिहर मजदूरों के मंच ने इसको लेकर 11 अहम सवाल खड़े किये हैं जिनमें परियोजना की वैधता, भूमि अधिग्रहण, मुआवजा भुगतान और किसानों की सहमति जैसे मुद्दे शामिल हैं. इसको लेकर चौसा में एक जनसभा आयोजित की गयी, जिसकी अध्यक्षता शैलेश राय और संचालन डॉ विजय नारायण राय ने किया. मुख्य अतिथि भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह ने इसे गंभीर कानूनी उल्लंघन बताया. बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने चेतावनी दी कि यदि कार्य पर रोक नहीं लगी तो राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ा जायेगा. किसानों ने प्रशासन से तत्काल जवाब और कार्रवाई की मांग की है.
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