दर्दनाक . रजरप्पा मंिदर में िछन्नमस्तिका देवी की पूजा के बाद गला रेता
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दो दिन पहले ही ड्यूटी पर गया था संजय
दर्दनाक . रजरप्पा मंिदर में िछन्नमस्तिका देवी की पूजा के बाद गला रेता बक्सर के सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव का है रहनेवाला जवान के एक साथी ने फोन कर घरवालों को दी सूचना बक्सर : बक्सर के एक सीआरपीएफ के जवान ने झारखंड के रजरप्पा मंदिर में गला रेत कर आत्महत्या कर ली. […]
बक्सर के सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव का है रहनेवाला
जवान के एक साथी ने फोन कर घरवालों को दी सूचना
बक्सर : बक्सर के एक सीआरपीएफ के जवान ने झारखंड के रजरप्पा मंदिर में गला रेत कर आत्महत्या कर ली. इस घटना से बलिहार गांव के ग्रामीण सन्न हैं. जवान के मौत की सूचना मिलते ही घर में मातम छा गया. जवान के शव को लाने के लिए परिजन मंगलवार को ही रजरप्पा रवाना हो गये. जवान मूल रूप से बक्सर जिले के सिमरी थाना क्षेत्र के बलिहार गांव का रहनेवाला था और कुछ दिन पहले ही उसकी पोस्टिंग झारखंड के हजारीबाग में हुई थी. इस घटना के बाद मृतक की पत्नी और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है.
जवान के पिता हृदया नारायण नट बीएमपी के जवान हैं. जबकि उसका बड़ा भाई संतोष नट सीआरपीएफ का जवान है. ग्रामीणों की मानें, तो सीआरपीएफ जवान संजय नट दो दिन पहले ही अपने गांव बक्सर के बलिहार से छुट्टी बिता वापस गया था. घर में पत्नी शारदा देवी और दो बेटे और दो बेटियां हैं. परिजनों के अनुसार संजय की मानसिक स्थिति बिल्कुल ठीक थी और वो खेती-किसानी का भी काम करता था. घटना की जानकारी मिलने से पूरा परिवार सदमे में है और पत्नी शारदा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.
2008 में सीआरपीएफ में भरती हुआ था संजय : संजय नट 2008 में सीआरपीएफ में भरती हुआ था. संजय तीन भाई हैं, जिसमें से बड़ा भाई सीआरपीएफ का जवान है. जबकि छोटा भाई बाहर में रहकर पढ़ाई करता है. संजय की मौत से परिजन पूरी तरह टूट चुके हैं. किसी को यकीन ही नहीं हो रहा है कि संजय अब इस दुनिया में नहीं है. वहीं, बच्चों को तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है. इस घटना से बलिहार गांव के लोग भी काफी दुखी हैं.
आखिर क्या हुई ऐसी बात, जो संजय ने मां के दरबार में की आत्महत्या : दो दिन पहले जवान अपने घर से हजारीबाग गया था. सब कुछ ठीक ठाक था. आखिर ऐसी क्या बात हो गयी कि जवान ने रजरप्पा मंदिर में जाकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद ग्रामीण एवं परिजनों के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं. घर में भी किसी प्रकार का विवाद नहीं था. अब सवाल यह उठता है कि जवान ने इतना बड़ा कदम कैसे उठाया. इस घटना से सभी पूरी तरह से सन्न हैं.
पूजा-पाठ में बढ़-चढ़ कर लेता था हिस्सा : सीआरपीएफ जवान संजय नट को पूजा-पाठ से काफी लगाव था. घर पर भी पूजा-पाठ किया करता था. माता भागीरथी देवी ने बताया कि पूजा-पाठ से उसे काफी लगाव था. मेरा पुत्र ऐसा नहीं कर सकता है. उसके साथ जरूर कुछ अनहोनी हुई है. घटना की सूचना मिलने के बाद मृतक के घर संवेदना प्रकट करने के लिए लोग आ रहे हैं.
परिजनों को हत्या की आशंका
परिजनों को जैसे ही संजय के मौत की खबर मिली. घर में मातम पसर गया. मां की आंखों से आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे. मां भागीरथी देवी और पत्नी शारदा देवी के हृदय विदारक चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया था. परिजनों को आशंका है कि संजय की हत्या की गयी है. परिजनों का कहना है कि संजय ऐसा कभी नहीं कर सकता है.
हजारीबाग पहुंचने के दो दिन बाद ही घर पहुंचा मौत का संदेश : संजय नट 20 दिनों की छुट्टी पर हजारीबाग से अपने घर आया था, जहां से दो दिन पहले हजारीबाग गया था. हजारीबाग पहुंचते ही उसने अपने परिजनों को फोन कर पहुंच जाने की सूचना भी दी थी. सोमवार की रात में भी परिजनों के पास संजय का फोन आया था. तब किसी को यह अनुमान नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है, लेकिन दो दिन बाद ही संजय के मौत की खबर पहुंची.
इस घटना ने सभी को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है.
खुद की बलि देने की घटना से लोग हतप्रभ
रजरप्पा : रजरप्पा मंदिर में पहली बार अपने आप को बलि देने की घटना हुई है. इस घटना के बाद लोग हतप्रभ हैं. संजय नट बिहार बक्सर जिला के बलिहार का रहनेवाला था. संजय की पत्नी के अनुसार, संजय ओड़िशा में सीआरपीएफ के पद पर तैनात था. वह बिना बताये घर से निकला था. परिवार और पत्नी के साथ उसका कोई विवाद भी नहीं था. रविवार सुबह संजय की पत्नी नाश्ता बना कर पति का इंतजार कर रही थी, लेकिन वह नाश्ता करने के लिए नहीं आया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संजय सोमवार शाम रजरप्पा मंदिर में संध्या आरती में शामिल हुआ था.
इसके बाद मंगलवार सुबह उसने पूजा- अर्चना कर अपनी बलि दे दी. लोगों का कहना था कि अगर उसकी मानसिक स्थिति खराब होती, तो वह यहां तक कैसे आता. दूसरी बात आत्महत्या ही करना था, तो वह कहीं भी कर सकता था. उसने रजरप्पा मंदिर में ही जान देने के लिए क्यों चुना. हालांकि उसकी मानसिक स्थिति ठीक थी या नहीं, पुलिस इसकी जांच कर रही है. पुलिस इस घटना को आत्महत्या का ही रूप मान रही है. मरने से पहले उसने कागज पर घर का मोबाइल नंबर लिख कर पॉकेट में रखा था. इसमें 9472498182, 9430263294 एवं एक आठ डिजीट 87571022 अंकित है. इस नंबर से ही उसके घर की जानकारी मिली. रजरप्पा थाना के चंद्रमा सिंह व अमरेंद्र सिंह ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. घटना की सूचना मिलने पर प्रभारी एसडीओ महावीर प्रसाद, बीडीओ नूतन कुमारी सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे.
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