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एन्ड्राॅयड फोन से बनती थी अपराध की योजना

छापा. कुख्यात शेरू सिंह व चंदन मिश्रा के पास मिले मोबाइल फोन को खंगाल रही पुलिस जेल में रहकर भी चलाते हैं फेसबुक व व्हाटसएप्प बक्सर : सेंट्रल जेल में स्मार्ट मोबाइल के जरिए अपराधी खूनी खेल को अंजाम देने का काम रहे हैं. जेल में रहने के बावजूद कुख्यात स्मार्ट व एन्ड्रॉयड मोबाइल से […]

छापा. कुख्यात शेरू सिंह व चंदन मिश्रा के पास मिले मोबाइल फोन को खंगाल रही पुलिस

जेल में रहकर भी चलाते हैं फेसबुक व व्हाटसएप्प
बक्सर : सेंट्रल जेल में स्मार्ट मोबाइल के जरिए अपराधी खूनी खेल को अंजाम देने का काम रहे हैं. जेल में रहने के बावजूद कुख्यात स्मार्ट व एन्ड्रॉयड मोबाइल से लैस हैं. ऐसे में अपराधी जेल के अंदर रहकर भी बाहरी दुनिया से जुड़े हुए हैं. जेल में रहते हुए भी बंदी फेसबुक व व्हाटसएप्प चला रहे हैं. नेट के माध्यम से न सिर्फ देश-दुनिया की खबर पर नजर रख रहे हैं, बल्कि अपने गिरोह का भी संचालित कर रहे हैं. इसका खुलासा रविवार को उस समय हुआ, जब जिला प्रशासन व पुलिस की संयुक्त टीम ने सेंट्रल जेल में छापेमारी की. इस दौरान आठ मोबाइल व तीन चार्जर बरामद किये गये.
इसमें दो एन्ड्रॉयड मोबाइल कुख्यात शेरू सिंह व चंदन मिश्रा के पास से मिले. छापेमारी के दौरान दोनों मोबाइल पर बात कर रहे थे. इससे पुलिस व जिला प्रशासन के होश उड़ गये. बता दें कि दोनों पर हत्या के कई मामले दर्ज हैं. आर्म्स एक्ट व हत्या के एक मामले में शेरू सिंह को फांसी की सजा हुई है.
वहीं, चंदन मिश्रा पर हत्या के कई मामले दर्ज हैं, जिसका ट्रायल चल रहा है. डीएसपी शैशव यादव के अनुसार दोनों कोई बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे. ऐसे में पुलिस दोनों के मोबाइल के सीडीआर खंगाल रही है. इसके अलावा चंदन सिंह, अालोक ठाकुर, बोतल महतो, गणेश यादव, विशाल तिवारी, विनोद राजभर के पास से भी मोबाइल बरामद किये गये हैं़ बताया जाता है कि सभी अपराधी हत्या, रंगदारी, लूट जैसे संगीन मामलों में बंद हैं. गौरतलब हो कि सेंट्रल जेल में पहले भी मोबाइल बरामद किये जा चुके हैं. सूत्रों के अनुसार कई सालों बाद जेल में इतनी बड़ी छापेमारी की गयी है़
शेरू को मिल चुकी है मौत की सजा : बक्सर और भोजपुर जिले का कुख्यात अपराधी शेरू सिंह को कोर्ट ने फांसी की सजा दी है. शेरू पर बक्सर समेत आरा में हत्या समेत 20 से अधिक अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसने अपराध की दुनिया में महज तीन साल में ही बेताज बादशाह बनने जैसा कारनामा कर दिखाया था. शेरू ने अपने साथी चंदन मिश्रा के साथ मिल कर काफी दिनों तक शाहाबाद क्षेत्र में खौफ बना रखा था. कई लोगों को मौत के मुंह में चंदन मिश्रा एवं शेरू सिंह ने साथ मिलकर पहुंचाया है़ जेल के अंदर मोबाइल पर दोनों के पास से एन्ड्रॉयड फोन मिले हैं.
दोनों किसी बड़ी घटना को अंजाम देने में लगे हुए थे.
तीन घंटे तक चली सघन छापेमारी : प्रभारी एसडीओ एवं डीएसपी के नेतृत्व में सेंट्रल जेल में तीन घंटे तक सघन छापेमारी की गयी. अहले सुबह 3:30 बजे से लकर सुबह 6:30 बजे तक छापेमारी के दौरान पूरे जेल में अफरातफरी का माहौल बना रहा. छापेमारी से अपराधियों के होश उड़ गये कि इतनी सुबह क्या होने लगा.पुलिस के जवानों ने जेल के अंदर चप्पे-चप्पे की तलाशी ली. लेकिन, उन्हें मोबाइल चार्जर एवं सिम के अलावा कुछ और हासिल नहीं हुआ.
पहले भी छापेमारी में बड़े पैमाने पर मिले हैं मोबाइल: सदर डीएसपी ने बताया कि जेल में पहले भी छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में मोबाइल सिम एवं अन्य आपत्तिजनक सामान मिले हैं. इससे पहले 31 मई, 2016 को एसपी उपेंद्र कुमार मिश्रा की अध्यक्षता में बक्सर सेंट्रल जेल में छापेमारी की गयी थी. इस दौरान जेल से एक एन्ड्राॅयड फोन, दो साधारण फोन, तीन चार्जर व दो सिम बरामद किये गये थे. साथ ही, कैदियों के पास से तंबाकू एवं सिगरेट के पैकेट भी मिले थे. वहीं, 19 फरवरी, 2016 को जेल अधीक्षक संजय कुमार चौधरी के नेतृत्व में की गयी छापेमारी में छह मोबाइल व दो सिम बरामद किये गये थे.
एक माह के भीतर जेल में कैसे पहुंचे आठ मोबाइल : आखिर एक माह के भीतर सेंट्रल जेल में इतने मोबाइल कैसे पहुंच गये. यह प्रश्न पुलिस व जिला प्रशासन के साथ-साथ आम नागरिकों के समक्ष खड़ा है. इसका जवाब शायद जेल प्रशासन के पास भी नहीं है. ऐसे में इस मामले में जेल प्रशासन की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गयी है. बता दें कि पिछले 28 जून को डीएम के निर्देश पर सेंट्रल जेल में छापेमारी हुई थी. उस समय जेल में कुछ भी नहीं मिला था. ठीक एक माह के बाद जब पुलिस ने रविवार को छापेमारी की, तो एक साथ आठ मोबाइल जब्त व तीन चार्जर बरामद किये गये.
गुप्त सूचना पर की गयी छापेमारी
शेरू सहित आठ बंदियों पर दर्ज हुई प्राथमिकी
सदर डीएसपी शैशव कुमार ने बताया कि जिन कैदियों के पास से मोबाइल बरामद हुए हैं. उन पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है़ जांच की रिपोर्ट डीएम रमण कुमार को सौंपी जायेगी. तत्पश्चात डीएम के निर्देश पर जांच टीम गठित होगी. उन्होंने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर जेल के अंदर मोबाइल प्राप्त हुए हैं. इसकी जांच अवश्य होगी़ जांच के आधार पर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
सिमरी में 6 सितंबर, 2009 को अनिल सिंह की हत्या
10 मार्च, 2011 को बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में पूर्व मुखिया मो. नौशाद की हत्या
20 अप्रैल, 2011 बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में भरत राय की हत्या
26 जुलाई, 2011 को ही बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में शिवजी खरवार की हत्या
शेरू के गैंग ने चार मई, 2011 को बक्सर टाउन थाना क्षेत्र में जेल के एक क्लर्क हैदर अली की हत्या की
31 जुलाई, 2011 को बक्सर टाउन थाना इलाके में मो.निजामुद्दीन की हत्या
21 अगस्त, 2011 को भोजपुर के चुना व्यवसायी राजेंद्र केसरी को बक्सर टाउन थाना इलाके में हत्या
11 अप्रैल, 2012 में आरा नवादा थाना ब्लॉक रोड के ठीक सामने स्थित गली में कोचिंग संचालक हरि नारायण सिंह की हत्या कर दी थी.
2013 में आरा के टाउन थाना क्षेत्र के जेल गेट के सामने सिपाही हामिद अंसारी की हत्या करने में आरोपित
चार साल पहले कोलकाता से पुलिस ने किया था गिरफ्तार : चार साल पहले बक्सर से फरार शेरू को पुलिस ने कोलकाता से रानी रासमति एवेन्यू से गिरफ्तार किया था. शेरू के साथी चंदन मिश्र को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उसके पास से पुलिस ने एक लाख रुपये से ज्यादा नकदी बरामद की थी.फरार रहने की स्थिति में सरकार ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

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