लापरवाही. शहर की विभिन्न कॉलोनियों में एक वर्ष में बने लगभग 200 मकान
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शहर में बिन नक्शा बन रहे मकान
लापरवाही. शहर की विभिन्न कॉलोनियों में एक वर्ष में बने लगभग 200 मकान साल भर में नक्शा पास कराने के िलए नगर पर्षद में आये मात्र नौ आवेदन डुमरांव : नगर पर्षद क्षेत्र के विभिन्न कॉलोनियों में बगैर नक्शा के ही भवन निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है़ एक दशक में शहर तेजी से विकसित […]
साल भर में नक्शा पास कराने के िलए नगर पर्षद में आये मात्र नौ आवेदन
डुमरांव : नगर पर्षद क्षेत्र के विभिन्न कॉलोनियों में बगैर नक्शा के ही भवन निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है़ एक दशक में शहर तेजी से विकसित हुआ, लेकिन नगर पर्षद अपने कार्यों को धरातल पर उतारने में पीछे रह गया है़ पिछले एक वर्ष के आंकड़ों पर गौर किया जाये, तो इस क्षेत्र में करीब 200 भवनों का निर्माण हुआ़
लेकिन, नक्शा पारित कराने के लिए मात्र नौ ही आवेदन नगर पर्षद को प्राप्त हुए हैं. जबकि वित्तीय वर्ष 2015 व 16 में शहरी क्षेत्रों में बननेवाले भवनों के नक्शा बनाने को लेकर नगर पर्षद प्रशासन ने 17 इंजीनियर निबंधन किये हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि नये भवन बनानेवाले लोग नक्शा बनाने व पास कराने में कोई रुचि नहीं दिखायी है़ ऐसी स्थिति में बिल्डिंग बायलॉज का मामला शहरी विकास में बाधक बना है़
वर्ष 1868 में हुआ था गठन : शाहाबाद के सबसे पुराने डुमरांव नगर पर्षद का गठन वर्ष 1868 में हुआ था़ शहर में विकास को लेकर राज्य सरकार व शहरी विकास व आवास विभाग ने कई योजनाएं चलायीं, लेकिन नगर पर्षद की कार्य प्रणाली पुराने ठर्रे पर ही चलता रहा़ भैंसा व ठेला गाड़ी के स्वरूप से उठ कर नगर पर्षद आज सुसज्जित संसाधनों से लैस है. फिर भी विकास के कई मामलों में उदासीन बना है.
टैक्स वसूली में पिछड़ा नगर पर्षद: शहर में मकानों की संख्या करीब 15 हजार है, लेकिन होल्डिंग टैक्स की वसूली महज छह हजार मकान मालिकों से ही होती है़ नगर पर्षद प्रशासन के कड़े तेवर व सख्ती के बाद यह संख्या बढ़ कर सात हजार दाे सौ नौ तक पहुंची है़ सूत्रों की माने, तो कर्मचारियों की कमी व नगर पर्षद द्वारा दिलचस्पी नहीं होने के कारण अवैध वसूली में पिछड़ रहा है़
नगर पर्षद ने रखे हैं 17 इंजीनियर, नहीं होता है बिल्डिंग बाइलॉज का पालन
ऐसे करें आवेदन
नये भवन बनाने या पुराने भवन के दो तल्ला निर्माण करने पर नक्शा पास कराना व स्वीकृति लेने का प्रावधान है़ इसके लिए आवेदक को अपनी भूमि का विवरण व चौहद्दी के साथ आवेदन नगर पर्षद में देना होगा़ आवेदन पर नगर पर्षद के आर्किटेक्ट व इंजीनियर भूमि की जांच पड़ताल करेंगे. नक्शा बनने के बाद नगर पर्षद पारित करने की प्रक्रिया पूरी करेगा़
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