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जनसंख्या कानून पर भाजपा को नहीं मिला जदयू का साथ, बोले नीतीश- पत्नी पढ़ी होगी, तो प्रजनन दर घटेगी

देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चल रही चर्चा के बीच मुख्यमंत्री ने एक फिर बिहार में अपनायी गयी नीति को दोहराया है. अधिवेशन भवन में मंगलवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर स्पष्ट काम किया जा रहा है.

पटना. देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर चल रही चर्चा के बीच मुख्यमंत्री ने एक फिर बिहार में अपनायी गयी नीति को दोहराया है. अधिवेशन भवन में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की 2705.35 करोड़ की 989 योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारंभ, उद्घाटन व लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर स्पष्ट काम किया जा रहा है.

जनसंख्या नियंत्रण को लेकर आकलन किया गया. इसका नतीजा भी आया कि लड़की या पति-पत्नी में पत्नियां पढ़ी होंगी तो प्रजनन दर घटेगी. बिहार उसी रास्ते पर चल रहा है. बिहार में प्रजनन दर चार से अधिक थी.

लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान देने का नतीजा है कि बिहार में प्रजनन दर अब घटकर तीन हो गयी है. आनेवाले पांच-सात वर्षों में बिहार में प्रजनन दर दो हो जायेगी. इसको लेकर कोई भी कुछ कहता है या करता है, तो उससे बिहार का क्या मतलब है. मुख्यमंत्री 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष की बैठकों को लेकर पूछे गये सवाल को टाल गये और कहा कि उससे हमारा क्या मतलब है?

80 हजार आशा को स्मार्ट फोन

सीएम ने कहा कि 80 हजार आशा को स्मार्ट फोन व कोरोना किट और एएनएम को कोरोना किट दिये जाने से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना से मौत पर 2020 से ही अनुग्रह अनुदान बिहार में दिया जा रहा है, लेकिन इसका हम कभी प्रचार-प्रसार नहीं करते.

दूसरे लोग तो 50 हजार रुपये भी देते हैं तो कितना प्रचार करते हैं. बिहार सरकार की ओर से दिये जा रहे चार-चार लाख अनुग्रह अनुदान का देश के सभी अखबारों में विज्ञापन दिया जाये तो क्या होगा.

बिहार में कोरोना से मौत की जिलों से दोबारा रिपोर्ट मंगाकर अनुग्रह अनुदान दिया गया. देश में 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों के टीकाकरण की चर्चा चल रही है. अगर ऐसा निर्णय लिया जाता है तो बिहार में भी लागू किया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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