शेखपुरा. प्रधान जिला जज पवन कुमार पांडेय ने गर्दन रेत कर हत्या करने के प्रयास के मामले में सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत बरैयाबीघा गांव के पांच लोगों को दस-दस साल के कारावास की सजा सुनायी है. पांचों को अलग-अलग आठ-आठ हजार रुपए का अर्थ दंड भी दिया है. इन पांचों को दस जुलाई के दिन दोषी पाया गया था. पांचो दोषी को सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए न्यायालय में मंगलवार को कड़ी सुरक्षा में प्रस्तुत किया गया. इस संबंध में जानकारी देते हुए लोक अभियोजक उदय नारायण सिंहा और अपर लोक अभियोजक शंभू शरण प्रसाद सिंह ने बताया कि 11 मार्च 2009 के रात्रि में शराब बेचने के विरोध पर दोषी सिद्धेश्वर मांझी, जितेंद्र मांझी, राहुल मांझी, बच्चू मांझी और सौरभ मांझी ने एक राय होकर अपने गांव के ही कारू पासवान को पकड़ कर जमीन पर पटक के उसके गर्दन को तार छेने वाली धारदार हसली से गला काटते हुए जान करने का प्रयास किया था. आसपास के लोगो ने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां पुलिस ने उसका बयान कलमबद्ध कर प्राथमिकी दर्ज करायी थी. न्यायालय द्वारा इन सभी को भारतीय दंड विधान की धारा 326, 307, 341, 504 और 149 के तहत दोषी पाया है. इस संबंध में घायल कारू पासवान के बयान के आधार पर शेखपुरा नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस द्वारा अनुसंधान कर इस मामले की न्यायिक सुनवाई के लिए आरोप पत्र समर्पित किया गया था. न्यायिक कार्रवाई के दौरान अभियोजन द्वारा सभी आवश्यक साक्ष्य और गवाह को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया गया. इस मामले में इलाज करने वाले डाक्टर और पुलिस पदाधिकारी ने भी घटना के समर्थन में न्यायालय में गवाही कलमबद्ध करायी. 16 वर्ष पुराने इस मामले में उभय पक्ष के दलील सुनने के बाद न्यायालय ने पांचों को सजा भुगतने के लिए फिर से जेल भेज दिया.
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