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खेल केवल मनोरंजन नहीं, कैरियर का माध्यम भी : ब्रह्मदेव

शहर के पीटीजेएम सरस्वती विद्या मंदिर में दो दिवसीय 36 वें क्षेत्रीय ताइक्वांडो एवं योगासन प्रतियोगिता - 2025 का भव्य आगाज शनिवार को हुआ.

राजगीर. शहर के पीटीजेएम सरस्वती विद्या मंदिर में दो दिवसीय 36 वें क्षेत्रीय ताइक्वांडो एवं योगासन प्रतियोगिता – 2025 का भव्य आगाज शनिवार को हुआ.इस अवसर पर विद्यालय परिसर खेल भावना और उत्साह से सराबोर रहा. प्रतियोगिता में बिहार और झारखंड के कुल 350 भैया-बहन खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जो ताइक्वांडो और योगासन के विभिन्न वर्गों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे. उद्घाटन सत्र की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन और स्वागत गान के साथ हुई. इस सत्र में सिवान की ब्यूटी ने सभी खिलाड़ियों को निष्पक्षता, अनुशासन और खेल भावना की शपथ दिलाई. उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि दक्षिण बिहार प्रांत के खेल मार्गदर्शक ब्रह्मदेव प्रसाद ने कहा कि खेल केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि उज्ज्वल करियर का मार्ग भी है. उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी खेल को साधते हैं, वे जीवन में अनुशासन, आत्मविश्वास और शारीरिक दक्षता के साथ आगे बढ़ते हैं. उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि मेहनत से ही मंज़िल पाई जा सकती है. खेलों में लगातार अभ्यास और समर्पण से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है. ब्रह्मदेव प्रसाद ने विद्यालय में खेल और शिक्षा दोनों को समान महत्व देने की सराहना की. कहा कि विद्यालय की पहचान सिर्फ शैक्षणिक उपलब्धियों से नहीं, बल्कि खेलों में भागीदारी से भी बनती है. योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि योग केवल स्वास्थ्य नहीं, बल्कि रोग मुक्ति का भी मार्ग है. यहां तक कि योग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का भी निदान संभव है. — अनुशासन के लिये मिला प्रथम पुरस्कार इस अवसर पर क्षेत्रीय खेलकूद प्रमुख एवं छपरा सरस्वती विद्या मंदिर के प्राचार्य फणीश्वर नाथ ने प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए एसजीएफआई द्वारा विद्या भारती द्वारा संचालित स्कूलों में कुल 34 प्रकार के खेलों को शामिल किया गया है. विद्या भारती की खेल उपलब्धियों के प्रगति की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यह संस्था देशभर में 39वें स्थान पर थी, लेकिन अब यह छठे स्थान पर पहुंच गई है. अनुशासन और व्यवहार को सफलता की कुंजी बताते हुए उन्होंने कहा कि अनुशासन के लिए विद्या भारती को अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह गर्व का विषय है. उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे खेल भावना, अनुशासन और मेहनत के साथ आगे बढ़ें. उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में विद्या भारती के भैया और बहन मिलकर देश में पहला स्थान प्राप्त करने में जरूर सफल होंगे. विद्यालय के प्रधानाचार्य अनंत कुमार सिन्हा ने अतिथियों का परिचय और स्वागत करते हुए खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया. उन्होंने खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास का सशक्त माध्यम है. यह विद्यार्थियों में अनुशासन, आत्मविश्वास और टीम भावना विकसित करता है. उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं छात्रों को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के लिए मंच प्रदान करती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य की नींव रखती हैं. विद्यालय के उपप्रधानाचार्य रामजी प्रसाद सिन्हा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया है.

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