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निर्वाचन के बाद स्कूलों पर कसेगा शिकंजा

शिक्षा विभाग के द्वारा अब सरकारी विद्यालयों के पठन-पाठन तथा छात्र- शिक्षकों की उपस्थित आदि को लेकर शिकंजा कसा जाएगा.

बिहारशरीफ़ शिक्षा विभाग के द्वारा अब सरकारी विद्यालयों के पठन-पाठन तथा छात्र- शिक्षकों की उपस्थित आदि को लेकर शिकंजा कसा जाएगा. इसके तहत शिक्षकों के साथ-साथ अब विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओं की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी. हालांकि पूर्व में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में तीसरी कक्षा के बच्चों की उपस्थिति ऑनलाइन बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. अब विभाग के द्वारा सभी सरकारी विद्यालयों के सभी कक्षाओं के छात्र-छात्राओं की भी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई जायेगी. विभागीय निर्देश के अनुसार जिले के सभी सरकारी विद्यालयों को इसके लिए टेबलेट भी उपलब्ध कराये गये हैं. दिसंबर महीने से ही यह नयी प्रक्रिया सभी स्कूलों में लागू हो जायेगी. हालांकि शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति तो पूर्व से ही दर्ज कराई जा रही है. अब बच्चों की भी ऑनलाइन उपस्थिति तथा ग्रुप फोटो ई- शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड की जाएगी. इससे सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं भी विद्यालय से अनुपस्थित नहीं हो सकेंगे. स्कूली बच्चों की टैबलेट के माध्यम से सामूहिक उपस्थिति दर्ज की जायेगी. प्रत्येक क्लास के बच्चों की सामूहिक तस्वीर खींच कर वर्ग शिक्षक अपनी लॉग इन आइडी से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करायेंगे.इसके लिए जिले के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध कराये गये है. फोटो इस तरह से खींची जायेगी की प्रत्येक बच्चे का चेहरा दिखे. इसी प्रकार टैबलेट के माध्यम से ही स्कूल में हो रही पढ़ाई का भी जायजा लिया जाएगा. चुनाव के कारण बच्चों की अधूरी रह गई सिलेबस को भी पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने की हो रही कवायद सरकारी विद्यालयों में नामांकित बच्चों की कम उपस्थिति विभाग के लिए बड़ा सिर दर्द बन गया है. अक्सर अधिकारियों के द्वारा विद्यालयों के किए गए निरीक्षण में नामांकित बच्चों के मात्र 40- 50 फ़ीसदी बच्चे ही विद्यालय में उपस्थित पाए जाते हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा यह कवायद की जा रही है. टेबलेट के माध्यम से विभाग को यह सटिक जानकारी मिल सकेगी की स्कूलों में प्रति दिन कितने बच्चे आ रहे और कितने मध्याह्न भोजन कर रहे हैं. इससे मध्याह्न भोजन में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी. अक्सर शिकायत मिलती है कि स्कूल में बच्चे कम रहते है और मीड डे मिल में अधिक दिखाया जाता है. जिले के सरकारी स्कूलों को दिये गये हैं टेबलेट जिले के सरकारी स्कूलों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध कराये गये है. किसी किसी स्कूल को बच्चों की संख्या के आधार पर तीन टैबलेट भी उपलब्ध कराये गये हैं. एक टैबलेट का प्रयोग बच्चों की उपस्थिति, स्कूल में हो रहे गतिविध, वर्ग संचालन, मध्याह्न भोजन कर रहे बच्चों के लिए प्रयोग किया जायेगा. जबकि दूसरे टैबलेट से शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे. क्या कहते हैं अधिकारी “जिले के सभी सरकारी विद्यालयों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध कराए गए हैं. जल्द ही विद्यालय के शिक्षकों को टैबलेट संचालन का प्रशिक्षण देकर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. ” मो शाहनवाज, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, समग्र शिक्षा अभियान, नालंदा

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