राजगीर. केंद्रीय ज्ञान भारतम् पहल के तहत बिहार पांडुलिपि क्लस्टर केंद्र का उद्घाटन मंगलवार को नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा के देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय पुस्तकालय भवन में किया गया. कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह एवं कुलसचिव प्रो. रूबी कुमारी ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा फीता काटकर केंद्र का उद्घाटन किया. इस दौरान पांडुलिपि डिजिटाइज़ेशन प्रक्रिया से संबंधित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया गया. कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि महाविहार ने सुदृढ़ अवसंरचना वाले प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच प्रतिस्पर्धा करते हुए यह उपलब्धि अर्जित की है. उन्होंने ज्ञान भारतम् तथा पांडुलिपि क्लस्टर केंद्र की दृष्टि एवं उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए इसे राष्ट्रीय महत्व की पहल बताया और अधिकाधिक योगदान के लिए प्रेरित किया. केंद्र के समन्वयक डॉ बुद्धदेव भट्टाचार्य ने पांडुलिपि अनुभाग के ऐतिहासिक विकास एवं महाविहार की दीर्घकालिक उपलब्धियों का विवरण प्रस्तुत किया. प्रो विश्वजीत कुमार ने समकालीन शोध में पांडुलिपियों के महत्व पर बल देते हुए चीन सहित अन्य देशों में संरक्षित भारतीय पांडुलिपियों के पुनः प्रत्यावर्तन हेतु पहल करने का सुझाव दिया. अजाज अहमद ने कहा कि महाविहार का पांडुलिपि क्लस्टर केंद्र अपने समृद्ध संग्रह के बल पर शीघ्र ही एक विशिष्ट संस्थान के रूप में विकसित होगा. धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो रूबी कुमारी ने किया. उन्होंने केंद्र के सुचारू संचालन हेतु पूर्ण प्रशासनिक सहयोग का आश्वासन दिया. कार्यक्रम की शुरुआत डॉ धम्मज्योति एवं भिक्षु संघ के मंगल पाठ से हुई. मौके पर शिक्षक, गैर-शैक्षणिक कर्मी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे.
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