राजगीर. आकाशवाणी की स्थापना के 90 वर्ष पूर्ण होने पर तत्काल भाषण प्रतियोगिता का आयोजन नव नालंदा महाविहार सम विश्वविद्यालय, नालंदा में मंगलवार को किया गया. यह प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के आउटरीच कार्यक्रमों के अंतर्गत आयोजित की गयी. इसमें आकाशवाणी पटना के अधिकारीगण भी शामिल हुए. प्रतियोगिता में कुल 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रत्येक प्रतिभागी को उसी समय दिए गए विषयों में से किसी एक पर 2 मिनट का भाषण प्रस्तुत करना था. विषयों में प्रमुख रूप से स्वतंत्रता आंदोलन से आकाशवाणी का योगदान, राष्ट्र निर्माण में आकाशवाणी की भूमिका, सामाजिक सरोकार, भारतीय संस्कृति, साहित्य एवं प्रसारण में आकाशवाणी का योगदान तथा नवभारत के विकास में आकाशवाणी की भूमिका विषय शामिल था. इस प्रतियोगिता में लक्ष्मण कुमार सिंह प्रथम, पंकज कुमार ठाकुर द्वितीय, शम्भू कुमार तृतीय, अभिषेक कुमार चतुर्थ और सलोनी कुमार ने पंचम स्थान प्राप्त किया है. निर्णायक मंडल में अंशुमान झा, धर्मेंद्र कुमार, प्रो श्रीकान्त सिंह एवं डॉ प्रदीप कुमार दास सम्मिलित रहे. इस अवसर पर कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह द्वारा विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया गया. उन्होंने कहा कि मैं आज भी आकाशवाणी सुनना पसंद करता हूं, क्योंकि उसमें दी जाने वाली सूचनाओं में सत्य की झलक मिलती है. आकाशवाणी ने महान कमेंटेटर दिए जिन्होंने हॉकी को लोकप्रिय बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है. शास्त्रीय संगीत को घर-घर पहुंचाने का श्रेय भी आकाशवाणी को जाता है. समाचार किस ढंग से प्रस्तुत किया जाए यह परंपरा आकाशवाणी ने ही स्थापित की है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में भी आकाशवाणी की भूमिका की सराहना की है. आकाशवाणी ने टीआरपी की चिंता किए बिना जनता से सीधा जुड़ाव बनाते हुए समाचार, खेलकूद, शास्त्रीय संगीत और सांस्कृतिक चेतना को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाया है. इस अवसर पर अंशुमान झा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आकाशवाणी का सतत प्रयास रहता है कि शैक्षणिक संस्थानों में जाकर वहां की उभरती हुई प्रतिभा को निखारने का कार्य किया जाये. मुझे यह देखकर प्रसन्नता हो रही है कि नव नालंदा महाविहार में प्रतिभा के साथ-साथ सीखने और कुछ कर गुजरने की जिज्ञासा विद्यार्थियों में कूट-कूट कर भरी हुई है. इसी प्रतिभा को ध्यान में रखते हुए भविष्य में आकाशवाणी के द्वारा इस प्रकार के और भी कार्यक्रम यहां आयोजित किए जायेंगे. इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. विजय कुमार कर्ण ने सभी प्रतिभागियों को उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और अभिव्यक्ति क्षमता को विकसित करने में अत्यंत सहायक होते हैं.
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