बिहार शरीफ. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से नियमित टीकाकरण से जुड़ी एएनएम ने वेतनमान वृद्धि और स्थायीकरण की मांग को लेकर सदर अस्पताल परिसर में लगातार तीसरे दिन धरने पर डटी रहीं. नर्सों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अपनी मांगों को लेकर सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा. उनके समर्थन में बिहार चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए. धरना दे रही श्वेता कुमारी ने बताया कि 2022 में उनकी बहाली हुई थी और तब से अब तक मात्र 11,500 रुपये मानदेय मिलता है. महंगाई और रोजमर्रा की जरूरतों के बीच इस वेतन में परिवार का खर्च चलाना मुश्किल है. नर्स श्वेता कुमारी ने कहा कि कम से कम 26,500 रुपये मानदेय या फिर नियमित नियुक्ति ही एकमात्र समाधान है. नर्स सोनी कुमारी ने कहा कि राज्य संघ के निर्देश पर 16 से 19 सितंबर तक काम का बहिष्कार कर धरना जारी रखा जाएगा. धरने में माया कुमारी, निशा भारती, रूपा कुमारी, रिंकू कुमारी, पूनम कुमारी, रेखा कुमारी, शबनम कुमारी समेत सभी नर्सें शामिल रहीं. नर्सों का कहना है कि 11,500 रुपये में न तो बच्चों की पढ़ाई हो पाती है, न ही घर-गृहस्थी का खर्च पूरा होता है. किराया, बिजली- पानी, दवा और रोजमर्रा की चीजें खरीदना भी भारी पड़ता है. उन्होंने कहा कि सरकार जहां स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की बात करती है, वहीं जमीनी स्तर पर काम करने वालों की हालत बद से बदतर है. कर्मी संघ ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा, जिसका असर जिले में नियमित टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ेगा.
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