राजगीर. रॉयल भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग टोबगे बुधवार को अपने विशेष दौरे पर राजगीर आयेंगे. इस दौरान उनका प्रमुख पड़ाव नालंदा विश्वविद्यालय होगा. यहां उनके स्वागत और विश्राम की भव्य व्यवस्था की गयी है. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री त्शेरिंग टोबगे नालंदा विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और प्राध्यापकों से सीधा संवाद करेंगे. यह संवाद न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि भारत-भूटान के बीच पारंपरिक मैत्री और सांस्कृतिक सहयोग की गहरी परंपरा को और मजबूती प्रदान करेगा. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि नालंदा सदियों से संवाद और ज्ञान परंपरा का प्रतीक रहा है. इसी धरोहर को आगे बढ़ाते हुए भूटान के प्रधानमंत्री का यह आगमन एक ऐतिहासिक अवसर है. विश्वविद्यालय में उनके स्वागत के लिए विशेष तैयारियां की गयी हैं, ताकि विद्यार्थियों को इस अवसर से प्रेरणा मिले. इससे भूटान के साथ शैक्षणिक आदान-प्रदान की नई संभावनाएं खुलेंगी. प्रो चतुर्वेदी ने कहा कि यह यात्रा भारत-भूटान के बीच सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संबंधों को और अधिक सशक्त करेगी. नालंदा विश्वविद्यालय ने प्राचीन काल से ही एशियाई देशों के बीच मित्रता, ज्ञान और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का सेतु बनने का कार्य किया है. आज जब रॉयल भूटान के प्रधानमंत्री यहां आ रहे हैं, तो यह अतीत और वर्तमान की उस गौरवशाली परंपरा को पुनर्जीवित करने जैसा है. निश्चित रूप से यह यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में एक नया आयाम जोड़ेगी. नालंदा को वैश्विक स्तर पर फिर से ज्ञान और मित्रता का केंद्र स्थापित करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण साबित होगी. रॉयल भूटान के प्रधानमंत्री चार सितम्बर को राजगीर में नवनिर्मित भूटान बौद्ध मंदिर में भगवान बुद्ध की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम और मंदिर व आवासीय परिसर के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे.
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