हिलसा (नालंदा). हिलसा शहर शुक्रवार की सुबह के एसयू कॉलेज के पास स्थित जीर्ण हॉस्टल के इलाके में अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से अफरा-तफरी मच गई. आसपास के लोग दहशत में आ गए. हालांकि गोली चलने का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. घटना की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी. फिलहाल असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए दो पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है. हिलसा अनुमंडल मुख्यालय में इंटरमीडिएट स्तर के छात्र-छात्राओं के लिए बड़ी संख्या में कोचिंग संस्थान चल रहे हैं. खासकर सूर्य मंदिर और जीर्ण हॉस्टल के आसपास तो हर गली में कोचिंग संस्थान खुले हैं. इनमें से अधिकांश बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं. एक बैच में 200 तक छात्र पढ़ते हैं और जैसे ही कक्षा खत्म होती है, विवाद और झगड़े शुरू हो जाते हैं. आए दिन मारपीट और गोलीबारी की घटनाएं यहां आम हो चुकी हैं. ब्राउन शुगर ने बिगाड़ा युवाओं का भविष्य:- हिलसा शहर और आसपास के गांवों में नशे का जाल तेजी से फैल रहा है. 14 से 25 साल के युवा सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. पहले ये युवा बॉनफिक्स, व्हाइटनर और इंजेक्शन का सहारा लेते थे, अब ब्राउन शुगर की गिरफ्त में आ गए हैं. नशेड़ी एक-दूसरे को मुफ्त में नशा देकर आदी बनाते हैं, बाद में भारी रकम वसूलते हैं. पैसे नहीं होने पर कई युवा डिलीवरी बॉय बन जाते हैं. इस लत ने युवाओं को अपराध की राह पर धकेल दिया है. चोरी, छिनतई और छेड़खानी जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. कई युवाओं ने पैसे न मिलने पर आत्महत्या तक कर ली. जीर्ण हॉस्टल बना असामाजिक तत्वों का अड्डा:- स्थानीय लोगों का कहना है कि एसयू कॉलेज का जीर्ण हॉस्टल अब असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है. सुबह से शाम तक यहां छात्रों की भीड़ रहती है, लेकिन नशेड़ी और बदमाश भी उसी भीड़ में सक्रिय रहते हैं. शाम के बाद तो इस रास्ते पर आना-जाना भी मुश्किल हो गया है. लड़कियों पर अश्लील टिप्पणियां करना, छेड़खानी और मोबाइल छीन लेना आम बात हो चुकी है. डर के कारण कई छात्राओं ने या तो रास्ता बदल लिया है या कोचिंग जाना ही छोड़ दिया है. यह पूरी घटना हिलसा में कानून-व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था दोनों पर सवाल खड़े कर रही है.
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