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फसल विविधीकरण अपनाकर दोगुनी आमदनी करें किसान

इन संरचनाओं से जल संचयन कर इसका प्रयोग सिंचाई के लिए करने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया. जीविकोपार्जन अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को परिक्रामी निधि उपलब्ध करायी जा रही है.

बिहारशरीफ/सिलाव.

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (जलछाजन विकास घटक) टू अंतर्गत मंगलवार को जिले के सिलाव प्रखंड अंतर्गत बड़ाकर ग्राम में जलछाजन (वाटरशेड) यात्रा का शुभारंभ जल संचयन से संबंधित शपथ दिलाकर आयोजित किया गया. इस यात्रा के दौरान परियोजना क्षेत्र के ग्राम बड़ाकर में जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार, उपनिदेशक कृषि अभियंत्रण, सहायक निदेशक (शष्य)-सह-पीआईए., उप परियोजना निदेशक आत्मा अविनाश कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजगीर, तकनीकी विशेषज्ञ एवं जालछाजन विकास दल के द्वारा संयुक्त रूप से आहर का भूमिपूजन किया गया. साथ ही डांगरा आहर का लोकार्पण किया गया जिसमे किसानों ने बड़ी संख्या में भाग लिया. श्रमदान के माध्यम से पौधारोपण भी किया गया. सहायक निदेशक (शष्य)-सह पीआईए के द्वारा परियोजना क्षेत्र में किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओ के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई जिसमें प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन अंतर्गत निर्मित संरचनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला गया. इन संरचनाओं से जल संचयन कर इसका प्रयोग सिंचाई के लिए करने के लिए किसानों को प्रेरित किया गया. जीविकोपार्जन अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को परिक्रामी निधि उपलब्ध करायी जा रही है.

प्रशस्ति पत्र व ट्रॉफी देकर किया सम्मानित : उत्पादन प्रणाली अंतर्गत उन्नत प्रभेदों का बीज किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. विदित हो कि ग्रामीणों के बीच जागरूकता फैलाने हेतु वाटरशेड यात्रा की तैयारी पूर्व से ही की जा रही थी जिसके तहत दिवाल लेखन, प्रभात फेरी का आयोजन किया गया था. इसके अलावा पानी की पाठशाला अंतर्गत उर्दू उत्क्रमित प्लस टू माध्यमिक विद्यालय, बड़ाकर के छात्र-छात्राओं के बीच चित्रकला एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र एवं ट्रॉफी से सम्मानित किया गया. परियोजना क्षेत्र के कुछ वैसे ग्रामीण कृषक जिनके द्वारा जलछाजन के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया गया है उन्हें वाटरशेड मार्गदर्शक सम्मान से सम्मानित किया गया. पावाडीह एवं बड़ाकर जलछाजन समिति सचिव सन्नू कुमार एवं धीरेंद्र कुमार को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार द्वारा किसानों से फसल विविधीकरण के रूप में उरद, मूंग, सूरजमुखी, मूंगफली, शंकर मक्का की खेती को अपनाने की सलाह दी गयी. मौके पर उपस्थित अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजगीर के द्वारा गरमा मौसम में विभाग के द्वारा अनुदानित बीज के बारे में जानकारी दी गयी. उप परियोजना निदेशक आत्मा अविनाश कुमार के द्वारा बेबी कार्न खेती के लिए किसानों को जागरूक किया गया ताकि फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिल सके एवम फसल उत्पादन की योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की गई एवं उपस्थित किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने का आवाहन किया गया. उपनिदेशक कृषि अभियंता अभिमन्यु कुमार के द्वारा किसानों से जल संरक्षण के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किसानों से किया गया. मौके पर सम्मानित जनप्रतिनिधि, तकनीकी विशेषज्ञ, जलछाजन विकास दल एवं कार्यालय के अन्य कर्मी उपस्थित थे.

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