बिंद (नालंदा). स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में दिनों-दिन बढ़ते नीलगायों के आतंक से खेती तबाह हो रही है और किसान परेशान हैं. किसानों के हजारों रुपये की लागत और कड़ी मेहनत से तैयार हो रही फसलें बर्बाद हो रही है. अमूमन दिन का उजाला हो या रात का अंधेरा इनकी हरकतें बढ़ती जा रही है. किसानों का कहना है कि अब तो इनकी गतिविधियां प्रखंड के अमूमन सभी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. महीनों की मेहनत और पूंजी को एक झटके में ही नीलगायों का झुंड चट कर रहे है और किसानों के सामने सिर पीटने के अलावा कोई चारा नही रह जाता है. खेतो में लहलहाती फसल को देख एक तरफ किसान अपने को खुशी से फूले नहीं समा रहे है. वही दूसरी तरफ नीलगायों का कहर खेतो में लहलहाती फसलों को बर्बाद करने पर आमादा है. प्रखंड क्षेत्रों में रबी, दलहन, तेलहन, सब्जी व खरीफ फसल में मकई, धान की खेती होती है. वही अच्छी पैदावार की उम्मदी लगाए किसानों के अरमानों पर नीलगायों के आतंक से अच्छी उपज की आस लगाए किसानों के सपना पर पानी फिरता नजर आ रहा है. किसान राजेंद्र प्रसाद, रामकृष्ण प्रसाद सिन्हा, गोपाल विजय राम, सुनील राम, मनोज कुमार, सूर्यमनी कुमार, संदीप कुमार, दयानंद पासवान आदि का कहना है कि वर्तमान समय में किसानों का सबसे अधिक नुकसान नीलगाय से हो रहा है. जैसे ही फसल का लाहलहना शुरू हुआ है, वैसे ही लगातार झुंड की झुंड नीलगाय खेतों में घूमती नजर आने लगी हैं और कई एकड़ में लगी फसलों को पल भर में चट कर जाती हैं. ताजनीपुर, नैरंगा, बिंद, मिराचक, कुशहर, बकरा, जहाना सहित प्रखंड के अन्य गांवों में नीलगायों के उत्पात ने खेती और किसानों को तबाह कर दिया है. लहलहाती फसलों को नीलगाय पलक झपकते ही खेत मे लगी फसल को खा जाते है और बेवस किसान अपनी महीनों की मेहनत और पूंजी के लूटने का तमाशा देखते रह जाते है.
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