बिहारशरीफ.स्थायीकरण और सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप मानदेय भुगतान की मांग को लेकर कार्यपालक सहायकों का आंदोलन लगातार तेज होता जा रहा है. आंदोलन के चौथे दिन रविवार को जिलेभर से सैकड़ों कार्यपालक सहायक जिला मुख्यालय पहुंचे और धरना-सह-कार्य प्रदर्शन किया. इस दौरान विभागवार स्टॉल लगाकर विभिन्न सरकारी योजनाओं की प्रदर्शनी प्रस्तुत की गई, जिसमें यह दिखाया गया कि किस तरह कार्यपालक सहायक सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफल बना रहे हैं. धरना स्थल पर जिलाध्यक्ष अमित राज ने कहा कि पिछले 15 वर्षों से कार्यपालक सहायक संविदा की आग में झुलस रहे हैं. सरकार ने अन्य संविदाकर्मियों को राहत दी है, लेकिन कार्यपालक सहायकों की अनदेखी की जा रही है. उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तुरंत स्थायीकरण और उचित वेतनमान की घोषणा कर उनके परिवारों को राहत दें. जिला सचिव सूरज कुमार ने बताया कि जिले के करीब 700 कार्यपालक सहायक प्रखंड और विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं. सभी ने काला बिल्ला लगाकर लोकतांत्रिक तरीके से विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि आमजन की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रविवार के अवकाश के दिन धरना दिया जा रहा है, ताकि सरकारी कामकाज प्रभावित न हो. कार्यपालक सहायक वर्ष 2010 से बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी, पटना के अधीन संविदा पर नियोजित हैं. इन्हीं की सेवाओं से बिहार सरकार को डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020 और नेशनल ई-गवर्नेंस अवार्ड जैसे राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं. इसके बावजूद न तो स्थायीकरण का लाभ दिया गया और न ही सातवें वेतन आयोग के अनुरूप मानदेय. धरना स्थल पर पिंकी कुमारी, प्रीति कुमारी, निशु कुमारी, रीना कुमारी, रूबी कुमारी, उदय कुमार, रूपेश कुमार, संजीत कुमार, सुधीर कुमार पांडेय, मुकेश कुमार, सूरज कुमार, विक्रम मल्होत्रा, नैतिक कुमार, मनीष कुमार, निशांत राज, राहुल, अजीत कुमार समेत बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक मौजूद रहे.
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