राजगीर. पर्यटक शहर राजगीर के रत्नागिरी पर्वत पर निर्मित आकाशीय रज्जुपथ आठ सीटर रोपवे का मंगलवार को आपात स्थिति से निपटने की तैयारी के तहत मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया. यह अभ्यास एनडीआरएफ की 9वीं वाहिनी के दल और रोपवे तकनीकी टीम के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ. इस दौरान आपदा प्रबंधन की दृष्टि से एक काल्पनिक परिस्थिति उत्पन्न की गयी, जिसके अनुसार चार पर्यटक यात्रा के दौरान रोपवे में आई अचानक तकनीकी खराबी के कारण तीसरे टॉवर के समीप केबिन में फंस गए और रोपवे का संचालन अस्थायी रूप से ठप हो गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए रोपवे के तकनीकी दल ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दो पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला. इसके बाद एनडीआरएफ की 9वीं वाहिनी के लगभग 30 सदस्यीय दल ने शेष दो पर्यटकों को कुशलतापूर्वक रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतारा. यह पूरा अभियान अत्यंत संयम, तकनीकी दक्षता और समन्वय के साथ संपन्न हुआ. इससे आपात स्थिति में बचाव कार्य की तैयारियों और व्यावहारिक क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया. मॉक ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ की टीम का नेतृत्व रंधीर कुमार सिंह, कमांडेंट ने किया. उनके साथ निरीक्षक जैनेन्द्र कुमार, उप निरीक्षक रंजीत कुमार एवं अन्य 28 प्रशिक्षित सदस्य उपस्थित रहे. रोपवे प्रबंधन की ओर से प्रबंधक दीपक कुमार, पर्यटन सूचना पदाधिकारी संजय कुमार, यांत्रिक कनीय अभियंता राजवीर साह, तकनीकी हेड रोहित कुमार तथा सभी तकनीकी और परिचालन कर्मी मौजूद थे. इस मॉक अभ्यास का उद्देश्य किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा राहत एवं बचाव दलों के बीच तालमेल को सुदृढ़ बनाना था. आयोजन के दौरान सभी दलों ने उत्कृष्ट समन्वय और तत्परता का प्रदर्शन किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि राजगीर रोपवे प्रबंधन आपात स्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
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