21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

30 मार्च को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी चैत्र नवरात्र

दुर्गा पूजा तथा नवरात्र सनातन धर्मावलंबियों के लिए सर्व प्रमुख पर्व माने जाते हैं. वैसे तो वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, लेकिन इनमें से शारदीय नवरात्र तथा बासंतिक नवरात्र महत्वपूर्ण माने जाते हैं.

बिहारशरीफ.

दुर्गा पूजा तथा नवरात्र सनातन धर्मावलंबियों के लिए सर्व प्रमुख पर्व माने जाते हैं. वैसे तो वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, लेकिन इनमें से शारदीय नवरात्र तथा बासंतिक नवरात्र महत्वपूर्ण माने जाते हैं. शारदीय नवरात्र आश्विन महीने में जबकि बासंतिक नवरात्र चैत्र महीने में मनाया जाते हैं. यह माता शक्ति की उपासना का प्रमुख व्रत है. नवरात्र की साधना से साधकों को सभी मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं. ऐसी धार्मिक मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा ने महिषासुर सहित अन्य कई महाशक्तिशाली दैत्यों का संहार कर देवताओं तथा मानवों की रक्षा की थी. इस वर्ष चैत्र नवरात्र (दुर्गा पूजा) की शुरुआत 30 मार्च को कलश स्थापना के साथ होने जा रही है. नवरात्रि के नौ दिनों में माता के भक्तों तथा साधकों के द्वारा उनके नौ विभिन्न रूपों की साधना और आराधना की जायेगी. इस संबंध में पंडित श्रीकांत शर्मा आचार्य ने बताया कि इस वर्ष पंचमी तिथि के छय होने के कारण चैत्र नवरात्र आठ दिनों की ही होगी. अष्टमी तथा नवमी तिथि की पूजा एक ही दिन संपन्न होगी. इसलिए सात अप्रैल को ही विजयादशमी तथा विसर्जन मनाया जायेगा. चैत्र नवरात्र के निकट आने के साथ ही माता के भक्त व साधक पूजा की तैयारी में जुट गये हैं. शहर की कुछ पूजा समितियों के द्वारा प्रतिमा स्थापित करने के लिए मां दुर्गा की भव्य तथा आकर्षक प्रतिमाओं का निर्माण भी कराया जा रहा है.

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा :

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा की अलग-अलग तिथि में अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जायेगी. नवरात्रि के प्रथम दिन को मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवें दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यानी, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी तथा मां सिद्धिदात्री की पूजा की जायेगी. ऐसी मान्यता है कि पूरी निष्ठा तथा आस्था के साथ नवरात्र करने वाले साधकों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है.

हाथी पर होगा माता का आगमन व प्रस्थान : इस वर्ष चैत्र नवरात्र की शुरुआत रविवार को होने से माता हाथी पर सवार होकर आयेंगी. वहीं नवमी तिथि छह अप्रैल भी रविवार को ही होगी. इसलिए नवरात्र का समापन रविवार को होने से मां के प्रस्थान की सवारी भी हाथी ही है. उक्त आशय की जानकारी पंडित श्रीकांत शर्मा आचार्य ने दी. उन्होंने बताया कि 30 मार्च को कलश स्थापना ब्रह्म मुहूर्त में ही शुरू होगी. सात अप्रैल को नवरात्र के 10वें दिन कलश विसर्जन के साथ नवरात्र संपन्न होगी. उन्होंने बताया कि नवरात्र में मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो देश के लिए सुख-समृद्धि व शांति लेकर आती हैं. इसके साथ ही साथ वर्षा भी अच्छी होगी. लोगों की धन्य-धान्य में वृद्धि के साथ देश की अर्थव्यवस्था और बेहतर होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel