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अनियमितता पर राजस्व कर्मचारी का नियोजन रद्द

डीएम आरिफ अहसन ने अरियरी अंचल कार्यालय में कार्यरत संविदा पर बहाल राजस्व कर्मचारी विष्णुदेव यादव का नियोजन तत्काल प्रभाव से रद कर दिया है.

शेखपुरा. डीएम आरिफ अहसन ने अरियरी अंचल कार्यालय में कार्यरत संविदा पर बहाल राजस्व कर्मचारी विष्णुदेव यादव का नियोजन तत्काल प्रभाव से रद कर दिया है. यह कारवाई दाखिल –खारिज में अवैध वसूली को लेकर गलत प्रतिवेदन अंकित कर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों को गुमराह करने को लेकर की गयी है. इस संबंध में मिली जानकारी में बताया गया है कि अरियरी प्रखंड के हुसैनाबाद पंचायत के साथ ही हजरतपुर मड़रो पंचायत के राजस्व कर्मचारी के रूप में कार्यरत द्वारा दाखिल-खारिज के बदले किसानों से अवैध राशि की मांग की जा रही थी. किसानों के द्वारा नजराना नहीं दिये जाने पर राजस्व कर्मचारी द्वारा गलत तथ्य देते हुए आवेदक के आईडी पर उसे वापस किया जा रहा था. इसी को लेकर आवेदक ने तथ्यों के साथ वरीय अधिकारियों से दाखिल-खारिज में अवैध राशि मांगने और नाजायज राशि नहीं देने पर आवेदन को अस्वीकृत करने का आरोप लगाया था. इस मामले को जांच के क्रम में सत्य पाए जाने पर जिला स्तरीय चयन समिति ने सर्वसम्मति से इस मामले में कारवाई करते हुए अरियरी अंचल कार्यालय में संविदा पर कार्यरत राजस्व कर्मचारी का नियोजन रद्द कर दिया है. इधर इस मामले में कारवाई किये जाने से अवैध वसूली के धंधे में लिप्त कर्मचारियों में हडकंप व्याप्त हो गया है.

दाखिल –खारिज में चढ़ावा नहीं देने पर आवेदन किया जा रहा था रिजेक्ट

कारवाई के दायरे में आए राजस्व कर्मचारी के मनमाने रैवये को देखते हुए कारवाई की मांग की गई थी. दो आवेदकों के ऑनलाइन दाखिल –खारिज वाद में दस्तावेज संलग्न नहीं होने की बात कहते हुए राजस्व कर्मचारी ने आवदेक के आईडी पर उसे वापस कर दिया गया था. जबकि, ऑनलाइन जांच के क्रम में दस्तावेज संलग्न पाया गया. यानि राजस्व कर्मचारी के द्वारा गलत रिपोर्ट कर उसे वापस किया गया था.

एक ही जमाबंदी में एक का हुआ दाखिल खारिज और दूसरे का हुआ रिजेक्ट

राजस्व कर्मचारी नजराना वसूलने में इतने मनमानी पर उतारू थे. इसकी एक बानगी यह देखने को मिली की बिना हिस्सेदार की सहमति, बिना अभिलेखीय एवं स्थलीय जांच के दाखिल-खारिज की स्वीकृति की अनुशंसा कर दी गई. वहीं, दूसरी तरफ इसी जमाबंदी में सह हिस्सेदार की सहमति नहीं होने का आपति लगाकर दाखिल –खारिज को अस्वीकृत कर दिया गया. मो फैयाज ने इस संबंध में आवेदन देते हुए अवैध राशि की मांग करने का आरोप लगाते हुए कारवाई की मांग की थी. दाखिल–खारिज में इन गड़बड़ियों और राजस्व कर्मचारी की मनमानी को लेकर जब डीएम के यहां आवेदन देकर कारवाई की मांग की गई तो इस मामले की जांच डीसीएलआर से कराया गया. जहां जांच में तीनों ही मामले सत्य पाए गए. इसी के आलोक में राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध जिला स्तरीय चयन समिति के यहां कारवाई की अनुशंसा की गई थी.

एक सप्ताह में तीसरे कर्मचारी पर कारवाई से मचा हड़कंप

एक सप्ताह के भीतर जिला प्रशासन द्वारा अनियमितता को लेकर नौकरी से हटाए जाने की यह तीसरी कारवाई है. इससे अब नाजायज कमाई करने वालों कर्मचारियों में हड़कंप व्याप्त हो गया है. 22 फरवरी 2025 को आवास योजना में फर्जी जियो टैगिंग को लेकर एक आवास सहायक बबलू कुमार पर कारवाई की जा चुकी है.यह फर्जीवाड़ा घटकुसुम्भा प्रखंड के पानापुर पंचायत में की गई है. आवास सहायक पर कारवाई करते हुए उसका अनुबंध डीडीसी के द्वारा रद किया जा चूका है.वही, एक अन्य मामले में डीडीसी सह अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक के द्वारा शिव विभूति ,पंचायत रोजगार सेवक ,ग्राम पंचायत लहना,प्रखंड चेवारा के विरुद्ध भी अनुशासनिक करवाई के तहत अनुबंध रद्द कर सेवा समाप्त करने का आदेश दिया गया है. शिव विभूति को एक आपराधिक मामले में सीजेएम शेखपुरा एवं जिला न्यायाधीश शेखपुरा के द्वारा एक आपराधिकमामले में दोषी पाया गया है. अब कारवाई के दायरे में आनेवाले राजस्व कर्मचारी विष्णुदेव यादव तीसरे कर्मी है. जिनका एक सप्ताह के अंदर नियोजन रद किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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