प्रतिनिधि, राजगीर. आस्था और सूर्योपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन राजगीर के विभिन्न छठ घाटों पर छठव्रतियों द्वारा डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इस दौरान चारों ओर श्रद्धा और भक्ति का अनोखा माहौल देखने को मिला. राजगीर के ऐतिहासिक सूर्य कुंड, वैतरणी नदी, हसनपुर सूर्य तालाब अन्य जलाशयों पर छठव्रतियों की भीड़ उमड़ी. व्रतधारी महिलाओं और पुरुषों ने पारंपरिक परिधान पहनकर भगवान भाष्कर की आराधना की. संध्या अर्घ्य के दौरान छठव्रतियों द्वारा जल, दूध और फल फूल सूर्यदेव को अर्पण किया गया. इस पावन अवसर पर छठी मइया के गीतों से समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया. इस अवसर पर छठव्रतियों द्वारा पूरे विधि-विधान से इस कठिन व्रत को निभाया गया. उनके द्वारा 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर यह व्रत किया गया और अर्घ्यदान किया गया है. संध्या अर्घ्य के बाद छठव्रतियों द्वारा शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू कर दी गयी है. लोक आस्था के इस त्यौहार के मौके पर प्रशासन द्वारा छठघाटों पर सुरक्षा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है. नगर परिषद, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संगठनों द्वारा भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किया गया है. छठ महापर्व के इस पावन अवसर पर पूरे राजगीर में भक्तिमय माहौल बना हुआ है. श्रद्धालुओं के द्वारा सूर्यदेव से अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वस्थ्य जीवन का प्रार्थना किया गया. राजगीर के सूर्य कुंड क्षेत्र में शुक्रवार को छठव्रतियों के लिये शरबत, शीतल पेय, निम्बू पानी, चाय, दूध आदि की व्यवस्था स्वयंसेवी संगठनों द्वारा किया गया है. सभी प्रमुख छठ घाट पर मेडिकल टीम और पुलिस दल को प्रतिनिधित्व किया गया है. सूरजकुंड क्षेत्र में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और एनएसयूआई एवं अन्य स्वयंसेवी संगठनों द्वारा छठव्रतियों को सहयोग किया गया.
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