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Bihar Weather: 13-17 अगस्त तक हल्की बारिश के आसार, ‘इन दिनों अरहर की फसल में निकौनी तथा छंटनी जरूर करें’

उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है. कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 24-27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.

समस्तीपुर. डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र व भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 13-17 अगस्त तक के लिए मौसम पूर्वानुमान जारी किया है. इस अवधि में उत्तर बिहार के जिलों में आसमान में हल्के से मध्यम बादल छाये रह सकते हैं.

उत्तर बिहार में हल्की वर्षा की संभावना

उत्तर बिहार के अनेक स्थानों पर हल्की वर्षा की संभावना है. कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश होने का अनुमान है. इस दौरान अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 24-27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. पूर्वानुमानित अवधि में पूरवा हवा चलने का अनुमान है. औसतन 10-15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है. सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है. शुक्रवार का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामन्य से 2.0 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा़ न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम रहा.

‘फसल में निकौनी तथा छंटनी करें’

मौसम वैज्ञानिक डॉ. ए सत्तार ने कहा कि अगात बोयी गई अरहर की फसल में निकौनी तथा छंटनी करें, जिन किसानों के पास खरीफ प्याज का बिचड़ा तैयार है. वह उथली क्यारियां बनाकर पंक्ति से पंक्ति की दूरी 15 सेमी, पौध से पौध की दूरी 10 सेमी पर रोपनी करें. क्यारियों की चौड़ाई 2 मीटर एवं लम्बाई 3 से 5 मीटर तक रख सकते हैं. प्रत्येक दो क्यारियों के बीच जल निकासी के लिए नालियां अवश्य बनाएं. फूलगोभी की मध्यकालीन किस्में अगहनी, पूसी, पटना मेन, पूसा सिंथेटिक-1, पूसा शुभ्रा, पूसा शरद, पूसा मेघना, काशी कुवांरी एवं अर्ली स्नोबॉल किस्मों की बोआई नर्सरी में करें. अगात रोपी गयी फूलगोभी में पत्ती खाने वाली कीट (डायमंड बैक मॉथ) की निगरानी करें एवं प्रकोप दिखाई देने पर बचाव के लिए स्पेनोसेड दवा एक मिली प्रति 4 लीटर पानी में घोलकर आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें.

‘फूलगोभी की अगात किस्में कुंआरी की रोपाई करें’

डॉ. ए सत्तार ने बताया कि फूलगोभी की अगात किस्में कुंआरी, पटना अर्ली, पूसा कतकी, हाजीपुर अगात, पूसा दिपाली की रोपाई करें. खेत की तैयारी के समय 20 से 25 टन सड़ी गाोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 60 से 80 किलोग्राम फॉस्फोरस, 40 से 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें. बोरान तथा मॉलिब्डेनम तत्व की कमी वाले खेत में 10-15 किलो ग्राम बोरेक्स तथा 1-2 किलोग्राम अमोनियम मालिब्डेट का व्यवहार करें.बैगन की फसल में तना एवं फल छेदक कीट की निगरानी करें. शुरुआती रोकथाम के लिए बैगन की रोपाई के 10 दिनों बाद 1 ग्राम फ्युराडान 3 ग्राम दानेदार दवा प्रति पौधा की दर से जड़ के पास मिट्टी में मिला दें.

‘खड़ी फसल में दवा छिड़काव से पहले ये करें’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खड़ी फसल में दवा छिड़काव से पहले इस कीट से ग्रसित तना एवं फल की तुराई कर मिट्टी में गाड़ दें. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड 48 इसी दवा का एक मिली प्रति चार लीटर पानी की दर से आसमान साफ रहने पर छिड़काव करें. ऊंचास जमीन पर परवल की राजेंद्र परवल-1, राजेंद्र परवल-2, एफपी-1, एफपी-3, स्वर्ण रेखा, स्वर्ण अलौकिक, आईआईभीआर-1 आदि किस्मों की रोपनी करें. बीज दर 2500 गुच्छियां प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दुरी 2 गुणा 2 मीटर रखें. परवल की रोपाई के लिए प्रति गड्ढ़ा कम्पोस्ट 3 से 5 किलो ग्राम, नीम या अंडी की खल्ली 250 ग्राम, एसएसपी 100 ग्राम, म्यूरेट ऑफ पोटाश 25 ग्राम एवं थिमेट 10 से 15 ग्राम का व्यवहार करें.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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