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बिहार परिवहन विभाग चलाएगा विशेष अभियान, स्कूली वाहनों की होगी जांच, 15 MVI की बनाई गई टीम

बिहार परिवहन विभाग ने राज्य भर में चल रही स्कूली कंडम गाड़ियों पर सख्ती करने का निर्णय लिया है. स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाली छोटी-बड़ी गाड़ियों की सभी मानकों पर जांच होगी. इस जांच में फेल होने वाली गाड़ियों पर कार्रवाई भी की जाएगी.

बिहार भर के विभिन्न स्कूलों में चलने वाले वाहन कितने फिट और सुरक्षित हैं, इसकी जानकारी परिवहन विभाग के पास नहीं है. जिसे लेकर गुरुवार को परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने जिलों के अधिकारियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में परिवहन विभाग ने राज्य भर में चल रही स्कूली कंडम गाड़ियों पर सख्ती करने का निर्णय लिया है. स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाली छोटी-बड़ी गाड़ियों का परमिट, फिटनेस, पॉल्यूशन, इंष्योरेंस, स्पीड गर्वनर, वीएलटीडी सहित अन्य सभी मानकों पर जांच होगी. वहीं, कमी मिलने पर कंडम गाड़ियों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. सभी डीटीओ को भी इस संबंध में आदेश दिया गया है. वहीं, पटना में गाड़ियों की जांच के लिए 15 एमवीआइ (मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर ) की टीम बनायी गयी है.

जिलों में टीम बनाकर जांच करने का दिया गया आदेश

परिवहन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा है कि स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जांच कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि कई जगह से ऐसी शिकायतें मिल रही है कि कई बसों में स्पीड के मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही बसों में सुरक्षा के लिए जो मानक तय किए हुए हैं, उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है. परिवहन सचिव ने ऐसे बसों की सख्ती से जांच करने के लिए जिलों में टीम बनाने के लिए निर्देश दिया है.

इन चीजों की होगी जांच

निरीक्षण के दौरान स्कूली वाहनों की जांच सभी मापदंडों पर की जायेगी. स्कूली वाहनों के जांच के दौरान यह देखा जायेगा कि वाहन का परिचालन हो रहा है या नहीं. वाहन में स्पीड गवर्नर लगा है या नहीं, वीएलटीडी सक्रिय है या नहीं, परमिट की शर्तों का सही तरीके से पालन हो रहा है या नहीं. इसके साथ ही फिटनेस, प्रदूषण प्रमाण पत्र और बीमा प्रमाण पत्र आदि की भी जांच की जाएगी.

पटना में वाहन जांच के लिए 15 एमवीआई की टीम गठित

परिवहन सचिव ने बताया कि पटना में स्कूलों का सर्वे कर स्कूली वाहनों की जांच के लिए 15 एमवीआई की टीम बनाई गई है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि स्कूल वाहनों में किसी तरह की कोई कमी न हो और सभी निर्धारित मानकों का पालन हो. यदि वाहनों में कोई खराबी पाई गई तो जुर्माना लगाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

विभाग ने एक सप्ताह में मांगा सभी स्कूलों गाड़ियों का ब्योरा

विभाग ने एक सप्ताह के भीतर सभी जिलों से स्कूली गाड़ियों का ब्योरा मांगा है.गाड़ियों का परिचालन स्कूलों में कैसे हो रहा है. एजेंसी या स्कूल प्रशासन की गाड़ियां है. इसका पूरा डिटेल रहे. निजी तरीके से स्कूली बच्चों को लेकर जाने वाली छोटी-बड़ी सभी गाड़ियों का फिटनेस सही तरीके से जांच हो, ताकि नियमानुसार कार्रवाई की जा सकें.

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गाड़ियों की रैंडम होगी जांच

विभाग ने कहा है कि जब गाड़ी में बच्चे रहे, तो उस वक्त गाड़ियों की जांच नहीं करें. स्कूल की गाड़ियों का रैंडम ही जांच करें. स्कूल परिसर या स्कूल से बाहर खड़ी गाड़ियों की जांच की जाये. स्कूली बच्चों को परेशानी नहीं हो.इस बात का पूरा ख्याल रखा जाये.

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क्या बोले अधिकारी

स्कूली बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जांच कराई जा रही है. कई जगह से यह शिकायत प्राप्त हो रही है कि बसों में स्पीड और सुरक्षा मानकों को पालन नहीं किया जा रहा. -संजय कुमार अग्रवाल, परिवहन सचिव

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