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बिहार में अकेला हो गया रामविलास पासवान का ‘चिराग’! सीएम नीतीश के साथ लड़ाई में LJP को झटके पर झटके

Bihar Politics: बिहार की सियासत में अपनी खास पहचान बना चुके लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके पुत्र और जमुई के सांसद चिराग पासवान राजनीति में अकेले हो गये. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शुरू हुई सियासी लड़ाई का नतीजा ये रहा कि लोजपा बिहार विधानमंडल में अब शुन्य हो गयी है.

Bihar Politics: बिहार की सियासत में अपनी खास पहचान बना चुके लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके पुत्र और जमुई के सांसद चिराग पासवान राजनीति में अकेले हो गये. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शुरू हुई सियासी लड़ाई का नतीजा ये रहा कि लोजपा बिहार विधानमंडल में अब शुन्य हो गयी है.

बीते मंगलवार को ही लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार सिंह ने जदयू का दामन थाम लिया. इसके साथ ही जदयू में लोजपा विधायक दल का विलय भी हो गया है. राजकुमार सिंह बेगूसराय जिले की मटिहानी सीट से जीते हैं. वहीं कुछ दिन पहले ही बिहार विधान परिषद में लोजपा की एकमात्र प्रतिनिधित्व करने वाली नूतन सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया था.

अब ताजा स्थिति ये है कि बिहार विधानसभा और विधान परिषद से लोजपा का पत्ता साफ हो गया है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट लोजपा के खाते में इसलिए नहीं आयी क्योंकि जदयू ने इसका विरोध किया था. यहां यह याद रहे कि चिराग पासवान ने अपनी मां को उस सीट से राज्यसभा भेजना का प्रस्ताव रखा था लेकिन बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को वो सीट दी गई.

ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार में लोजपा का भविष्य क्या है? साथ ही एनडीए में भी चिराग पासवान के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है? बिहार विधान सभा चुनाव से लेकर अब तक चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को निशाने पर रखा. बिहार में शराबबंदी और सात निश्चय में घोटाले का आरोप में नीतीश कुमार को जेल भेजने संबंधी बयान भी दे डाले.

पूरे चुनाव वो पूरे दमखम के साथ मैदान में रहे. उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जहां से एनडीए से जदयू के प्रत्याशी मैदान में थे. चुनाव परिणाम में लोजपा को मुंह की खानी पड़ी. एक मात्र सीट पर लोजपा को जीत मिली. बेगूसराय जिले की मटिहानी से राजकुमार सिंह जीते थे ल्कन अब वो जदयू के नेता हो गये हैं.

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि भले ही लोजपा को बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एक से ज्यादा सीटें नहीं मिली पर उसने जदयू का बड़ा नुकसान किया था. बीते बिहार चुनाव में राजद पहले नंबर की और भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के खाते में 43 सीट ही आई थी.

जानकार कहते हैं कि जदयू की ये हालत लोजपा के कारण हुई. माना जाता है कि चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में नीतीश कुमार को बड़ा डैमेज किया था. अब नीतीश कुमार चिराग पासवान को झटके पर झटके दे रहे हैं. आगे यह देखना मजेदार होगा कि लोजपा और चिराग पासवान की रणनीति क्या होगी.

Also Read: बिहार में LJP के इकलौते विधायक भी जदयू में शामिल, CM नीतीश की शरण में MLA राजकुमार सिंह

Posted By: Utpal Kant

Prabhat Khabar Digital Desk
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