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बिहार के अस्पताल में मरीज की जगह भूसा, हल व ट्रैक्टर का टायर देख दंग रह गये अधिकारी, दिया ये निर्देश

राज्य के ग्रामीण अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण अस्पतालों के वार्ड में मरीज की जगह पशुओं के चारा का भूसा, खेत जोतनेवाले ट्रैक्टर के हल और खराब पड़े टायर रखे मिले. स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों द्वारा स्वास्थ केंद्रों की जांच की गयी, तो वे दंग रह गये.

पटना. शिक्षा विभाग के बाद अब स्वास्थ्य विभाग भी ग्रामीण अस्पताल की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए छापेमारी अभियान चला रखा है. राज्य के ग्रामीण अस्पतालों का निरीक्षण करने पहुंचे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण अस्पतालों के वार्ड में मरीज की जगह पशुओं के चारा का भूसा, खेत जोतनेवाले ट्रैक्टर के हल और खराब पड़े टायर रखे मिले. स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों द्वारा हाल ही में, स्वास्थ्य उपकेंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों की जांच की गयी, तो वे दंग रह गये.

मरीजों की जगह भूसा

वैशाली जिला के कुछ हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों व स्वास्थ्य उपकेंद्रों का जब औचक निरीक्षण किया गया तो अस्पताल के भवन और परिसर में इलाज की व्यवस्था व मरीजों की जगह भूसा, टायर और हल रखे गये थे. स्वास्थ्य विभाग अब ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित किये गये सभी स्तर के हेल्थ सब सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार के लिए अभियान चलाने की तैयारी में विभाग जुटा है.

कुछ चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये

स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के ग्रामीण अस्पतालों की गुणवत्ता जांच शीर्ष अधिकारियों द्वारा खुद की जा रही है. इसमें पदाधिकारियों को कई प्रकार की समस्याएं सामने आ रही है. इसमें कहीं पर कुछ चिकित्सक अनुपस्थित पाये जा रहे हैं तो कई जगह पर दवाओं के वितरण की समस्याएं आ रही है. शौचालयों, साफ-सफाई से लेकर अस्पतालों की चहारदीवारी और अतिक्रमण की समस्याएं हैं. विभाग की ओर से इस तरह का औचक निरीक्षण राज्य के सभी जिलों में करायी जा रही है. मिशन-60 दिन और मिशन परिवर्तन के समान इन सभी अस्पतालों में सुधार अभियान चलाया जायेगा.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सेवाएं व मुफ्त दवा होगी सुनिश्चित

विभाग की कोशिश है कि इन सभी सेंटरों पर उपलब्ध सेवाएं और मुफ्त दवाएं मरीजों को मिलना सुनिश्चित हो जाये. इन केंद्रों में प्रसव पूर्व देखभाल व प्रसव, नवजात शिशु स्वास्थ्य एवं टीकाकरण, परिवार नियोजन एवं प्रजनन स्वास्थ्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम, संचारी रोग व गैर-संचारी रोग स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, सामान्य बीमारियों के लिए बाह्य रोगी देखभाल एवं प्रबंधन, वयोवृद्ध स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं बहाल की गयी है. इन सेंटरों पर 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जा रही हैं.

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ई-संजीवनी टेली-मेडिसीन सेवा के माध्यम से लोगों का इलाज

राज्य के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स में टेली-मेडिसीन के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा मरीजों को विशेषज्ञ स्तर की दी जा रही है. ई-संजीवनी टेली-मेडिसीन सेवा के माध्यम से लोगों का इलाज किया जा रहा है. सरकार द्वारा ग्रामीण अस्पतालों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के ओपीडी में आनेवाले मरीजों के लिए 151 प्रकार की मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की गयी है. इन सेंटरों पर टेलीमेडीसिन के माध्यम से इलाज करानेवाले मरीजों के लिए ओपीडी में 72 प्रकार की मुफ्त दवाएं दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाकर इन सेवाओं को बहाल करने में जुटा है.

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