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बिहार: राजगीर में मलमास मेला की भव्य तैयारी, देश-विदेश के श्रद्धालु होंगे शामिल, जानें खास मान्यता

बिहार के राजगीर में मलमास मेला लगने जा रहा है. इसमें देश-दुनिया से तीर्थ यात्री शामिल होंगे. श्रद्धालुओं और सैलानियों के बीच इस मेले को लेकर खास मान्यता है. इस कारण यहां लाखों लोग आते है.

Bihar News: बिहार के राजगीर में मलमास मेला लगने जा रहा है. इसमें देश-दुनिया से तीर्थ यात्री शामिल होंगे. श्रद्धालुओं और सैलानियों को यहां कई सुविधाएं दी जाएंगी. इन्हें पहली बार फ्री वाइफाइ की सुविधा दी जायेगी. इसके अलावा भी कई सुविधा मिलने वाली है. मलमास मेला 18 जुलाई को लगने वाला है. इसमें ब्रह्मकुंड व सप्तधाराओं में स्नान का विशेष महत्व है. देश के साथ ही विदेशों से भी श्रद्धालु आकर यहां स्नान के साथ ही पूजा-पाठ करते है. कई श्रद्धालु यहां के सभी कुंडों में पूरे विधि-विधान से स्नान व पूजा-पाठ करते हैं.

33 कोटि देवी-देवता के निवास की मान्यता

इस मेले में साधु-संतों की टोलियां स्नान करती है. लोगों की मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के पुत्र राजा बसु ने इस पवित्र स्थल पर महायज्ञ कराया था. इसमें इन्होंने 33 कोटि देवी-देवताओं को आमंत्रण दिया था. लेकिन, भूल होने की वजह से काग महाराज को वह न्योता देना भूल गए थे. इस वजह से वह यज्ञ में शामिल नहीं हो सके थे. इसके बाद इस मेले के दौरान काग यानि कौआ नहीं आते है. मलमास में राजगीर बैकुंठ धाम बन जाता है. इस दौरान 33 कोटि देवी-देवता का राजगीर में निवास होता हैं.

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देश-विदेश से शामिल होते हैं श्रद्धालु

इस दौरान यहां स्नान करना और पूजा अर्चना करना पवित्र माना जाता है. बिहार के अलावा यहां दूसरे राज्यों से भी लोग आते है. विदेश से भी यहां लोगों का आगमन होता है. इसमें हिंदुओं के साथ ही जैन और बौद्ध धर्मावलंबी भी शामिल होते हैं. मलमास मेले में आए श्रद्धालु विभिन्न कुंडों का पवित्र जल बोतल में भरकर अपने साथ ले जाते है. मंदिर में आत्री प्रसाद का भोग भी लगाते है. इस प्रसाद में बताशा, मिश्रीदाना और चूड़ा आदि शामिल है.

Published By: Sakshi Shiva

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