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Bihar News : ब्वॉय फ्रेंड रुकवा रहे नाबालिग की शादियां, एक साल में दुल्हन बनने से बचीं 26 किशोरियां

पिछले एक साल में 26 बालिकाओं की शादी किसी न किसी द्वारा प्रशासन को सूचना देने के बाद रोकी गयी और अभिभावकों से शपथ-पत्र लिया गया कि वे अपनी बेटी की शादी 18 की उम्र के बाद करेंगे. इनमें लगभग 10 शादियां ब्वॉय फ्रेंड द्वारा दी गयी

भागलपुर में अपनी मुहब्बत को बचाने की बात पर आशिक की बगावत की कहानियां कई हैं, लेकिन भागलपुर में पिछले एक साल में जो कहानियां रची गयी हैं, वह सारी कहानियों से अलहदा हैं. यहां ब्वॉय फ्रेंड हर महीने अपनी-अपनी नाबालिग प्रेमिकाओं की शादियां रोकवा रहे हैं. मामला बाल विवाह का होने के कारण ऐसे प्रेमियों को स्थानीय प्रशासन का भी साथ मिल रहा है.

पिछले एक साल में 26 बालिकाओं की शादी किसी न किसी द्वारा प्रशासन को सूचना देने के बाद रोकी गयी और अभिभावकों से शपथ-पत्र लिया गया कि वे अपनी बेटी की शादी 18 की उम्र के बाद करेंगे. इनमें लगभग 10 शादियां ब्वॉय फ्रेंड द्वारा दी गयी सूचना पर रोकी गयीं. यह मानना है चाइल्ड लाइन के को- ऑर्डिनेटर अजीत आनंद का.

घर से भाग जाने के डर से शादी का ले रहे निर्णय

जिन शादियों को प्रशासन द्वारा रोकी गयी, उनमें अधिकतर केस में यह बात सामने आयी कि माता-पिता को उनकी बेटी के भाग जाने का डर था. काउंसेलिंग के दौरान माता-पिता का कहना था कि कई बार बेटी को एक लड़के के साथ देखा है. कहीं भाग गयी, तो किसको मुंह दिखायेंगे. इसलिए शादी कर रहे हैं. (श्रोत : चाइल्ड लाइन की रिपोर्ट)

नाबालिग युवतियों की हो रही शादी

बेटियों की शादी के मामले में आंकड़ों के अनुसार जिले में 42.4 फीसदी शादी नाबालिग अवस्था में ही हो जाती है. भारत सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कराये गये राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-पांच) की रिपोर्ट से इसका खुलासा एक वर्ष पूर्व हुआ है.

केस स्टडी

केस-1: कहलगांव में 17 साल की एक लड़की की शादी की सूचना उसके ब्वॉय फ्रेंड ने दी. चाइल्ड लाइन व स्थानीय प्रशासन ने शादी रोक दी. इसके कुछ दिन बाद फिर उसने सूचना दी कि उसी लड़की की शादी गोड्डा में हो रही है और फिर गोड्डा प्रशासन की मदद से शादी रुकवायी गयी.

केस-2: नारायणपुर की एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी. उसके फ्रेंड ने चाइल्ड लाइन को सूचना देकर शादी रोकने का अनुरोध किया. नवगछिया एसडीओ के नेतृत्व में भवानीपुर पुलिस ने मौके पर जाकर शादी रोकने की कार्रवाई की.

क्या कहते हैं अधिकारी

जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक भास्कर प्रियदर्शी ने कहा कि बाल विवाह कानूनन जुर्म है. इस सामाजिक कुरीति पर रोक लगाने के लिए बिहार सरकार अभियान चला रही है. लोग जागरूक भी हो रहे हैं और ऐसी शादियों की सूचना लोग पहले ही देने लगे हैं. कार्रवाई भी की जा रही है.

चाइल्ड लाइन के को-ऑर्डिनेटर अजीत आनंद ने कहा कि पिछले एक साल में 26 बाल विवाह पुलिस व एसडीएम की मदद से रोके गये. इनमें करीब 30 फीसदी शादियों को रोकने के लिए उस लड़की के ब्वॉय फ्रेंड ने फोन किया था. एक केस में तो ब्वॉय फ्रेंड ने लड़की की सहेली ने फोन करवा कर शादी रोकवाने का अनुरोध किया था.

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