कोरोना (Bihar Me Corona) के बढ़ते संक्रमण के डर (COronavirus Second Wave) और फिर से लॉकडाउन (Lockdown Bihar) ने की संभावित खबरों को लेकर लोगों में चिंता की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. तमाम जरूरी आवश्यकताओं में सबसे अधिक जरूरी दवा को लेकर लोग अधिक चिंतित हैं. इसका असर बिहार के कई शहरों के दवा दुकानों पर दिख भी रहा है. दवा दुकानों में बीते एक महीने में कोविड इमरजेंसी ड्रग्स की डिमांड बढ़ गयी है.
दवा व्यवसायियों के मुताबिक हर 10 में आठ व्यक्ति इन दवाओं की खोज में ही दुकानों पर पहुंच रहे हैं. पारासेटिमोल, आइवरमेक्टिन,जिंक टैबलेट, एजिथ्रोमाइसिन व विटामिन सी के टैबलेट की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है. कोविड पाॅजिटिव हो न हो महज लक्षण की संभावनाओं पर भी लोग इन दवाओं को खरीद ले रहे हैं. दवा दुकानदारों ने बताया कि इन दवाओं की डिमांड लगभग 100 प्रतिशत तक बढ़ी हुई है. कुछ दुकानों पर तो दवाएं आउट ऑफ स्टॉक भी हो गयी हैं.
कोरोना से बचाव (Corona Se Bachav) के लिए बहुत जरूरी है कि व्यक्ति के शरीर में इम्यून सिस्टम बेहतर हो. लोग घरेलू उपायों से तो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर रखने का प्रयास कर रही ही रहे हैं,साथ ही बाजार में उपलब्ध अलग-अलग कंपनियों के इम्यून बूस्टर (Immunity booster) का भी प्रयोग कर रहे हैं.
इनमें एलोपेथिकक,आर्युवेदिक, होमियोपैथिक व युनानी पद्धति शामिल हैं. इन सभी चिकित्सा पद्धतियों को दवा उपलब्ध कराने वाली अलग-अलग कंपनियों के प्रोडक्ट बाजार में हैं. लोग अपनी इच्छा के अनुसार इन्हें खरीद रहे हैं.
गया के वरीय चिकित्सक डॉ रामसेवक प्रसाद ने कहा कि कोविड इमरजेंसी ड्रग्स में जो दवाएं शामिल हैं,वह ठीक हैं. उनसे कोई बहुत अधिक साइड इफेक्ट नहीं है. लेकिन, किसी भी चीज का अनावश्यक व अधिक उपयोग नुकसान करता है. यही इन दवाओं के साथ भी लागू है. लोगों को समझना होगा कि बिना कोविड के पुष्टि के अपने अंदाज पर इन दवाओं का सेवन करें. दूसरी बात बाजार से दवा खरीदते वक्त यह भी ध्यान रखें कि जितनी जरूरत है उतनी ही दवा खरीदें,क्योंकि ऐसा नहीं करेंगे तो दवा बाजार में आउट ऑफ स्टॉक हो जायेगा और किसी जरूरतमंद को नहीं मिल पायेगी.
Posted By: utpal Kant