ऋषव मिश्रा कृष्णा, भागलपुर
बिहार सरकार का उर्दू निदेशालय उर्दू भाषा सीखने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए मुफ्त तालीम की व्यवस्था कर रही है. निदेशालय ने 70 दिनों का एक कोर्स लांच किया है जिसके माध्यम से लोग मुफ्त उर्दू सीख सकेंगे. यह कोर्स ऑनलाइन होगा और इसमें नामांकन के इच्छुक व्यक्तियों को विधिवत आवेदन कर नामांकन भी लेना होगा. देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले लोग इस कोर्स का फायदा ले सकेंगे. गैर उर्दू भाषी सरकारी कर्मचारी अपने संस्थान के सक्षम पदाधिकारी से सहमति पत्र के साथ इस कोर्स में हिस्सा ले सकते हैं. निदेशालय के मुख्य फोकस में पत्रकारिता, साहित्य, वकालत, शिक्षा, समाजसेवा से जुड़े व्यक्ति हैं. उद्देश्य है कि उर्दू सीख कर ऐसे क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्ति अपने भाषाई कौशल को और ज्यादा समृद्ध कर सकें.आठ अप्रैल से शुरू हो रहा है ऑनलाइन कोर्स
विभाग से जानकारी दी गयी है कि आठ अप्रैल से यह कोर्स शुरू होगा और रोजाना दोपहर एक बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक दो घंटे ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा. अवकाश के दिनों को छोड़ कर प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, बुधवार एवं बृहस्पतिवार को प्रशिक्षण सत्र संचालित किया जाएगा.
इस तरह करें आवेदन
ऑनलाइन कोर्स के लिए आवेदन-पत्र का प्रपत्र विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/csd से डाउनलोड किया जा सकता है. आवेदन की अंतिम तिथि एक अप्रैल निर्धारित की गयी है. आवेदन-पत्र ईमेल आईडी director-urdu-bih@gov.in के माध्यम से या निदेशक, उर्दू निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार, पटना के फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी भवन (निकट- आकाशवाणी), छज्जुबाग, पटना- 800001 के पते पर निबंधित डाक से भेज सकते हैं. प्रशिक्षण सत्र की समाप्ति के बाद निदेशालय द्वारा ऑनलाइन परीक्षा ली जाएगी. परीक्षा में सफल प्रशिक्षुओं को उर्दू अधिगम प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा. उर्दू निदेशालय के निदेशक एसएम परवेज आलम ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि इस कोर्स में भाषा एवं साहित्य में रूचि रखने वाले अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी. नामांकन का पूर्ण अधिकार विभाग के पास सुरक्षित रहेगा.
सराहनीय है निदेशालय का प्रयास : पूर्व वीसी
जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के पूर्व कुलपति प्रो फारुख अली ने कहा कि निदेशालय का प्रयास सराहनीय है. निदेशालय के इस प्रयास का व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को उर्दू सीखने का मौका मिले. इस प्रयास से लोगों को उर्दू भाषा जानने समझने में मदद मिलेगी और समाज में उर्दू की स्वीकार्यता बढ़ेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है