टीएमबीयू के एमबीए विभाग से वित्त से जुड़ी फाइलों को गड़बड़ी के आरोप में जब्त किया गया था. मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है. बताया जा रहा है कि शनिवार को प्रभारी कुलपति प्रो विमलेंदु शेखर झा जब्त फाइल को मंगाया. साथ ही एमबीए विभाग के निदेशक को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. कुलपति ने फाइलों की गहन जांच की. इस क्रम में वित्त से जुड़ी गड़बड़ी सामने आ रही है. इस बाबत प्रभारी कुलपति फाइलों की खुद जांच कर रिपोर्ट तैयार करेंगे. विवि सूत्रों के अनुसार जांच के दायरे में कुछ अधिकारी भी आ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार अबतक दो अधिकारियों का हस्ताक्षर सामने आया है. बताया जा रहा है कि रिपोर्ट तैयार करने के बाद राजभवन को भेजा जायेगा. साथ ही कार्रवाई के लिए भी निर्देश मांगा जा सकता है. उधर, रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे ने कहा कि एमबीए विभाग से जब्त फाइलों को प्रभारी कुलपति को सौंप दिया गया है. दूसरी तरफ राजभवन से 17 सितंबर को 24 मामलों की शिकायत का पत्र टीएमबीयू को भेजा गया है. इसमें एमबीए विभाग के पूर्ववर्ती छात्र संतोष कुमार श्रीवास्तव द्वारा शिकायत का मामला भी शामिल है. राजभवन ने सारे मामले में विवि से 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है.
अधिकार पर रोक लगने के बाद किया गया भुगतान
पूर्ववर्ती छात्र ने की थी शिकायत
बीते सोमवार की देर शाम विवि के अधिकारियाें की टीम ने एमबीए विभाग पहुंची और अलमारी से किताब, फर्नीचर, पर्दे, डीजी जेनरेटर व ताला की खरीद से जुड़ी फाइलों को जब्त किया. ये सभी खरीदारी पूर्व कुलपति प्रो जवाहर लाल के कार्यकाल में की गयी थी. बता दें कि विभाग के पूर्ववर्ती छात्र संंताेष कुमार श्रीवास्तव ने कुलाधिपति को लिखित शिकायत की थी. जिसमें वित्तीय अनियमितता का आराेप लगाया था. उन्होंने राजभवन को भेजे आवेदन में कहा था कि 32 लाख से पुस्तक की खरीद करने की बात कही जा रही है, जिसमें अनियमितता हुई है. इस बाबत प्रभारी कुलपति प्राे विमलेंदु शेखर झा ने रजिस्ट्रार प्राे रामाशीष पूर्वे काे फाइल जब्त करने का निर्देश दिया था.
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