कहलगांव अनुमंडल के शिवनारायणपुर, पीरपैंती का क्षेत्र 1980 से 2000 के दशक तक गुड़ के लिए प्रसिद्ध रहा है, लेकिन अब यहां के किसान नए अवसरों की ओर बढ़ रहे हैं. पहले यहां 50 हजार हेक्टेयर में गन्ने की खेती होती थी, लेकिन अब किसान विविध फसलों की ओर रुख कर रहे हैं. रामजानीपुर के गन्ना उत्पादक किसान विकास कुमार, भिखारी यादव, राजेंद्र यादव, शंकर सिंह आदि का कहना है कि पहले वे लोग अधिकांश खेतों में गन्ने की खेती करते थे, लेकिन अब नए फसलों की ओर बढ़ रहे हैं. कहा कि गन्ने की खेती में मुनाफा कम होने के बाद नई तकनीकी से आधुनिक खेती के लिए नई चुनौतियों का सामना कर मुनाफा कमा रहे हैं. सरकार की मदद से और सिंचाई की सुविधा मिलने पर यहां के किसान फिर से गन्ने की खेती में आगे बढ़ सकते हैं. आज भी कुछ किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं, लेकिन खर्च के मुताबिक बाजार में भाव नहीं मिल रहा है. 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम गुड़ का सामान्य दर है. वहीं उच्च गुणवत्ता वाले गुड़ की बिक्री 70 से 90 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हो रही है.
विधायक के वादा से किसानों को उम्मीद
नवनिर्वाचित विधायक मुरारी पासवान से उम्मीद है कि यहां के किसानों को गन्ने की खेती के लिए सरकार से पर्याप्त अनुदान दिलाएंगे. साथ ही क्षेत्र में चीनी मिल की स्थापना कर यहां के लोगों को बेरोजगारी से मुक्ति दिलाएंगे. ऐसा उन्होंने जनसंपर्क के दौरान मतदाताओं से वादा किया है. वहीं मोहनपुर गोघट्टा के प्रशिक्षित किसान मनोज कुमार ने कहा कि गन्ना की खेती अब घाटे का सौदा हो गया है. हम लोग मक्का, गेहूं, सब्जी आदि की खेती कर अच्छा मुनाफा तो कमा रहे हैं किन्तु गुड़ उत्पादन की बराबरी नहीं हो पा रही है. सरकार से गन्ना किसान को प्रोत्साहन मिलने पर पुनः यह खेती क्षेत्र के लोगों में आमदनी का जरिया बनकर उभरेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

