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हर वार्ड में एक नर्स, लेकिन सब मोबाइल पर व्यस्त
भागलपुर : रविवार को मायागंज अस्पताल का सर्जरी विभाग नर्स की निगरानी में रहता है. छुट्टी के दिन मरीज को अपने जख्म की पट्टी बदलवाने के लिए भी भटकना पड़ता है. परेशानी यहीं समाप्त नहीं होती, रविवार को सफाई कर्मी भी इस वार्ड की ओर नहीं आते. जिससे हरेक बेड के नीचे स्लाइन का खोल, […]
भागलपुर : रविवार को मायागंज अस्पताल का सर्जरी विभाग नर्स की निगरानी में रहता है. छुट्टी के दिन मरीज को अपने जख्म की पट्टी बदलवाने के लिए भी भटकना पड़ता है. परेशानी यहीं समाप्त नहीं होती, रविवार को सफाई कर्मी भी इस वार्ड की ओर नहीं आते. जिससे हरेक बेड के नीचे स्लाइन का खोल, खाने का जूठा, दवा का रेपर जहां तहां फेंका रहता है.
वार्ड में रहने वाले मरीज को किसी तरह खुद को संक्रमण से बचाने का प्रयास करते है. सबसे ज्यादा परेशानी फर्श पर लेटे मरीजों को होता है. वहीं नर्स विभाग में बने वार्ड में रविवार को एक एक नर्स तैनात थी. कई वार्ड में डयूटी कर रही नर्स मरीजों में कम अपने मोबाइल पर ज्यादा व्यस्त नजर आयी.
हर बेड पर अलग-अलग रंग की चादर पर लेटे नजर आये मरीज: सर्जरी विभाग में भर्ती मरीजों के बेड पर एक रंग की चादर नहीं दिखी. किसी के बेड का चादर बैगनी थी, किसी के लाल ताे कई मरीज ऐसे भी थे जिनके बेड पर चादर ही नहीं थे. वहीं यहां की व्यवस्था को जानने वाले कई मरीज के परिजन घर से ही चादर लेकर पहुंचे थे.
मरीज के परिजन आशुतोष कुमार कहते हैं, सुबह से ही चादर की मांग वे नर्स से कर रहे हैं. लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. अंत में अपने मरीज को गद्दे पर ही बिना चादर लेटाना पड़ा. गद्दा भी इतना गंदा है कि, इसपर लेटते ही पूरे शरीर गंदा हो जाता है. इस हालत में कम से कम सात दिन कैसे मरीज गंदगी के साथ यहां इलाज करायेगा और वो कितना स्वस्थ होगा यह समझा जा सकता है.
अमूमन छुट्टी के दिन नर्सों के भरोसे वार्डों में होते हैं मरीज
वार्ड में पसरी थी गंदगी, सफाई की नहीं थी व्यवस्था: रविवार होने के कारण वार्ड की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे थी. सुबह से दोपहर बाद यहां सफाई कर्मी नहीं आये. जिससे पूरे वार्ड में गंदगी पसर गया. गंदगी से निकलने वाली बदबू से मरीज के साथ साथ परिजन परेशान हो रहे थे. नवगछिया से आये भगवान मंडल ने बताया की शनिवार दोपहर वार्ड में सफाई करने सफाईकर्मी आये थे.
बाहर घंटा होने के बाद भी फिर वापस नहीं आये. जिससे यहां रहना मुश्किल हो रहा है. निडिल, स्लाइन की बोतल, भोजन समेत कई समान वार्ड में पड़ा हुआ है. आराम से वार्ड में अगर कोई बिना जमीन देखे गुजरे तो उसके पैर में सूई का जख्म लग सकता है.
गंभीर मरीजों के लिए डॉ को रखा गया ऑन कॉल: सर्जरी विभाग में भर्ती मरीज की हालत खराब होने पर चिकित्सक को फोन कर बुलाने की व्यवस्था रविवार को थी. नर्स ने बताया कि, सभी मरीज की हालत अभी तक सामान्य है. तबीयत खराब होने के बाद जरूरी होने पर चिकित्सक को फोन कर बुलाया जाता है. आधे घंटे के अंदर चिकित्सक अस्पताल आ जाते हैं.
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