हरनाटांड़. चिलचिलाती धूप व उमस भरी गर्मी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है. दिन भर आग उगल रही सूर्य की किरणों से लोग बेचैन हो जा रहे हैं. वही दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा छा जा रहा है. मंगलवार को तेज धूप व उमस भरी गर्मी के चलते लोग बुरी तरह परेशान दिखे. जैसे ही लोग घर से बाहर निकलते, धूप की तीव्रता मानो आसमान से आग बरसने जैसा आभास कराती रही. गर्मी का असर इतना अधिक रहा कि लोग घरों में भी चैन से नहीं रह पा रहे थे. विशेषकर छोटे बच्चे और बुजुर्ग इस गर्मी से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. बहुत जरूरी काम से ही लोग घरों से निकल रहे हैं. जिन्हें तीखी धूप के साथ गर्म हवा का सामना करना पड़ रहा है. घर में भी उमस भरी गर्मी के चलते बच्चे और बुजुर्गों को अधिक परेशानी उठानी पड़ रही है. मौसम में बदलाव से लोग पड़ रहे बीमार अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. जून माह में सूरज की तेज धूप से लोगों को बचने की जरूरत है. बदलते मौसम में फिट रहने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है. ताकि आने वाला समय अच्छा बीत सकें. गर्मी में तमाम बीमारियां भी लोगों को प्रभावित कर रही है. ऐसे मौसम में अपने खानपान और पहनावे में भी बदलाव जरूरी है. पीएचसी हरनाटांड़ के चिकित्सक डॉ. राजेंद्र काजी ने बताया कि प्रचंड गर्मी के चलते बच्चों और बुजुर्गों की तबीयत बिगड़ रही है. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी यह मौसम गंभीर साबित हो रहा है. सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी और दस्त जैसी समस्याओं के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. स्थानीय अस्पतालों में ऐसे मरीजों की भीड़ देखी जा रही है. इन चीजों का रखें ध्यान वहीं पीएचसी हरनाटांड़ के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजेंद्र सिंह नीरज ने बताया कि गर्मी में जब भी घर से निकले कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकले और बासी भोजन नहीं करें. गर्मी में सूती और हल्के रंग के कपड़े पहने. चेहरे और सिर को रूमाल, साफ व हल्के सूती कपड़े से ढक कर ही बाहर निकलें. गर्मी में प्याज का सेवन करें. बाजार की ठंडी चीजों से परहेज करें. साथ ही घर पर ठंडा जूस, ठंडा सत्तू, दही, लस्सी व छाछ आदि का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा लौकी, खीरा, पुदीना, नींबू, तरबूज आदि का अधिक सेवन करना चाहिए. पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए.
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