बेतिया. जिले में चमकी बुखार ने दस्तक दे दी है. एक एक्टिव समेत कुल चार मामले मिले हैं. इसके बचाव क़ो लेकर जन समुदाय क़ो जागरूक किया जा रहा है. आशा व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा जागरूकता फैलाया जा रहा है. जिला स्तर पर भीडीसीओ के द्वारा मॉनिटरिंग भी की जा रही है. जीविका दीदियों, आशा कार्यकर्ता व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा महिलाओं एवं आमजनों को चमकी बुखार के लक्षण एवं इससे बचाव के तरीके “चमकी क़ो धमकी ” बता रहे है ताकि अगर मामले आए भी तो तुरंत प्रभावित बच्चों का इलाज हो सके. वीडीसीओ रमेश कुमार ने बताया कि एईएस के संदिग्ध मरीज मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना अंतर्गत भी लाभ ले सकते हैं. इस दौरान अगर तीन या चार पहिया वाहन से परिजन सम्भावित मरीज के साथ स्वास्थ्य केंद्र पर जाते हैं तो उन्हें भाड़ा निर्धारित राशि पर उपलब्ध कराई जाएगी. वीडीसीओ गणेश कुमार ने सावधानियों के बारे में बताया कि बच्चों को तेज धूप से बचाए. अपने बच्चों को दिन में दो बार स्नान कराए. गर्मी के दिनों में बच्चों को ओआरएस अथवा नींबू पानी-चीनी का घोल पिलाएं. रात में बच्चों को भरपेट खाना खिलाकर ही सुलाए. ————- चमकी से बचाव जरूरी: डॉ कुमार सौरभ बेतिया मेडिकल कॉलेज के एईएस वार्ड इंचार्ज डॉ कुमार सौरभ ने बताया कि तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें एवं पंखा से हवा करें. ताकि बुखार कम हो सके. पारासिटामोल की गोली/सीरप मरीज को चिकित्सीय सलाह पर दें. यदि बच्चा बेहोश नहीं है तब साफ एवं पीने योग्य पानी में ओआरएस का घोल बनाकर पिलाये. चमकी आने पर, मरीज को बाएं या दाएं करवट में लिटाकर ले जाएं. बच्चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं गर्दन सीधा रखें. अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा हो तो साफ कपड़े से पोछें, जिससे कि सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो, बेहोशी/मिर्गी की अवस्था में बच्चे को जितना जल्द हो सकें सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में लेकर जाए.
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