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पांच केंद्रों पर आयोजित होगी बीएड की प्रवेश परीक्षा

पांच केंद्रों पर आयोजित होगी बीएड की प्रवेश परीक्षाफोटो- बोधगया 02- एमयू के शिक्षा विभाग में बीएड में नामांकन फॉर्म के लिए जुटे अभ्यर्थियों से पूछताछ करते निदेशक.संवाददाता, बोधगयामगध विश्वविद्यालय कैंपस व तीन कॉलेजों में दो वर्षीय बीएड कोर्स में नामांकन के लिए आयोजित होनेवाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए एमयू कैंपस सहित शहर के […]

पांच केंद्रों पर आयोजित होगी बीएड की प्रवेश परीक्षाफोटो- बोधगया 02- एमयू के शिक्षा विभाग में बीएड में नामांकन फॉर्म के लिए जुटे अभ्यर्थियों से पूछताछ करते निदेशक.संवाददाता, बोधगयामगध विश्वविद्यालय कैंपस व तीन कॉलेजों में दो वर्षीय बीएड कोर्स में नामांकन के लिए आयोजित होनेवाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए एमयू कैंपस सहित शहर के चार अन्य स्कूलों में परीक्षा के सेंटर बनाये जा सकते हैं. इसके लिए संबंधित स्कूलों से संपर्क किया जा रहा है. शिक्षा विभाग (बीएड)के डीन डॉ इसराइल खां ने बताया कि अब तक 10 हजार से ज्यादा आवेदनों की बिक्री हो चुकी है. उन्होंने बताया कि 12 हजार आवेदन फॉर्म रखे गये हैं. अंतिम तिथि तक बिक्री होनेवाले आवेदनों की संख्या के आधार पर परीक्षा केंद्रों की संख्या भी तय की जायेगी. वैसे 10-12 हजार परीक्षार्थियों के लिए एमयू कैंपस स्थित विभिन्न पीजी विभागों के साथ ही गया शहर के चार बड़े निजी स्कूलों (डीएवी, नाजरेथ एकेडमी व अन्य) में परीक्षा केंद्र बनाये जायेंगे. इसके लिए संबंधित स्कूलों के प्रबंधनों से संपर्क किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि 29 अक्तूबर को बीएड में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जायेगी. इसमें सफल अभ्यर्थियों का एमयू के शिक्षा विभाग के साथ ही एएन कॉलेज पटना, एएम कॉलेज गया व एस सिन्हा कॉलेज औरंगाबाद में नामांकन हो पायेगा. कुल सीटों की संख्या 350 है. बुधवार को एमयू के शिक्षा विभाग में आवेदन फॉर्म के बिक्री काउंटर पर जुटे छात्र-छात्राओं से शिक्षा विभाग के डीन डॉ खां ने किसी तरह की परेशानी आदि होने की जानकारी ली. लंबी कतार को देखते हुए डीन ने आवेदन बिक्री के लिए काउंटरों की संख्या भी बढ़ाने का निर्देश दिया.पीएचडी कोर्स वर्क में नामांकन शुरूफोटो- बोधगया 01- एमयू के शिक्षा विभाग में नामांकन लेनेवाली छात्रा के कागजात की जांच करते डीन व शिक्षक.संवाददाता, बोधगयामगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में पीएचडी कोर्स वर्क में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. बुधवार को कई छात्र-छात्राओं ने अपने प्रमाणपत्रों की जांच कराने के बाद नामांकन लिया. शिक्षा विभाग के डीन डॉ इसराइल खां ने बताया कि प्री-पीएचडी की परीक्षा पास करने के बाद आयोजित साक्षात्कार में सफल छात्र-छात्राओं का कोर्स वर्क के लिए नामांकन लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पीएचडी कोर्स वर्क के तहत छात्र-छात्राओं को छह महीने तक क्लास करना होता है व इसके बाद परीक्षा देनी होती है. यूजीसी के निर्देश के अनुसार, पीएचडी करनेवाले सभी स्टूडेंट्स को कोर्स वर्क करना अनिवार्य है. इसके बाद किसी शिक्षक के निर्देशन में शोध करना होता है व उसके बाद उन्हें पीएचडी की उपाधि से नावाजा जाता है. डॉ खां ने बताया कि शिक्षा विभाग में अब तक 52 छात्र-छात्राओं ने नामांकन के लिए आवेदन किया है. सभी का नामांकन होने के बाद उनका क्लास शुरू कराया जायेगा.दूसरे विश्वविद्यालय के शिक्षक के निर्देशन में होगा शोधयह महज संयोग ही कहा जा सकता है कि मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में पीएचडी के लिए कोर्स वर्क करने वाले छात्र-छात्राओं को शोध करने के लिए दूसरे विश्वविद्यालय के शिक्षकों के निर्देशन में शोध करना होगा. शिक्षा विभाग के डीन डॉ खां ने बताया कि एमयू के शिक्षा विभाग व कॉलेजों में नियमित शिक्षक नहीं हैं. कोर्स वर्क करने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई तो अनुबंध पर बहाल शिक्षकों के माध्यम से कराया जा सकता है, लेकिन शोध कराने के लिए एमयू मुख्यालय व कॉलेजों में शिक्षकों का अभाव है. इस कारण एमयू के शिक्षा विभाग से कोर्स वर्क का क्लास करने वाले छात्र-छात्राओं को किसी दूसरे विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के नियमित शिक्षक के निर्देशन में शोध करना होगा व शोधपत्र तैयार करना होगा. इसके बावजूद सुविधा को देखते हुए छात्र-छात्राएं कोर्स वर्क करने के लिए एमयू में ही नामांकन करा रहे हैं व कोर्स पूरा होने के बाद अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से निर्देशक की तलाश करेंगे. 75 प्रतिशत हाजिरी नहीं होने पर सेंटप से होंगे वंचितस्नातकोत्तर में दाखिला लेनेवाले छात्र- छात्राओं को क्लास करना अनिवार्यएमयू के डीएसडब्ल्यू ने विभागाध्यक्षों व कॉलेजों को भेजा निर्देशसंवाददाता, बोधगयामगध विश्वविद्यालय (एमयू) व कॉलेजों में दाखिला ले चुके स्नातकोत्तर (पीजी) के छात्र-छात्राओं के लिए क्लास करना अनिवार्य कर दिया गया है. नामांकन के बाद क्लास नहीं करनेवाले छात्र-छात्राओं पर नकेल कसने के लिए एमयू प्रशासन ने कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके तहत छात्र-छात्राओं के लिए हर सेमेस्टर में कम से कम 75 प्रतिशत की उपस्थिति अनिवार्य कर दी गयी है. स्टूडेंट्स अगर अपने क्लास में 75 प्रतिशत की मौजूदगी सुनिश्चित नहीं कर पाते हैं, तब उन्हें सेंटप होने से वंचित कर दिया जायेगा व उन्हें परीक्षा फॉर्म नहीं भरने दिया जायेगा. हालांकि, ऐसा प्रावधान पहले भी था, पर इस वर्ष इस नियम को लागू करने के लिए एमयू प्रशासन सख्त रूख अपनाने के मूड में है. किसी भी परिस्थिति में 75 प्रतिशत उपस्थिति पूरा नहीं करनेवाले छात्र-छात्राओं को परीक्षा फॉर्म भरने से रोक देने की तैयारी की जा रही है. एमयू के डीएसडब्ल्यू डॉ सीताराम सिंह ने बताया कि नामांकन की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. अब कुछ दिनों में क्लास शुरू हो जायेगा. उन्होंने बताया कि सभी विभागाध्यक्षों व कॉलेजों के प्राचार्यों को इस बात से अवगत करा दिया गया है कि नामांकन ले चुके सभी स्टूडेंट्स को यह ताकीद कर दें कि किसी भी स्थिति में उन्हें कम से कम 75 प्रतिशत क्लास करना ही होगा. उल्लेखनीय है कि एमयू के रसायन शास्त्र विभाग में यह नियम सख्ती से लागू की जा रही है व एक सेमेस्टर के दौरान 75 प्रतिशत क्लास नहीं करने वाले स्टूडेंट्स को सेंटप होने से वंचित कर दिया जा रहा है. अब यह सभी विभागों व पीजी की पढ़ाई करानेवाले कॉलेजों में भी सख्ती के साथ लागू किया जायेगा. गौरतलब है कि जुलाई में एमयू का निरीक्षण करने आयी नैक की टीम ने भी सभी विभागों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति पर ज्यादा फोकस किया था. कई शिक्षकों का कहना है कि नामांकन के बाद स्टूडेंट्स लगातार क्लास करने नहीं आते हैं. इसके कारण थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक कक्षाएं भी पूरी हीं हो पाती हैं. कोर्स पूरा नहीं हो पाता है व इस कारण उनका रिजल्ट भी संतोषजनक नहीं हो पाता है.

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