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26 घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की लाखों की भीड़
विपिन कुमार मिश्र बेगूसराय : तुलार्क महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान के दौरान शासन व प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गयी थी. पहले व दूसरे शाही स्नान के बाद तीसरे शाही स्नान में आस्था का जनसैलाब उमड़ने की संभावना को देखते हुए 26 घाटों पर बैरिकेडिंग की गयी थी. लगभग चार किलोमीटर तक के इलाके […]
विपिन कुमार मिश्र
बेगूसराय : तुलार्क महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान के दौरान शासन व प्रशासन द्वारा पूरी व्यवस्था की गयी थी. पहले व दूसरे शाही स्नान के बाद तीसरे शाही स्नान में आस्था का जनसैलाब उमड़ने की संभावना को देखते हुए 26 घाटों पर बैरिकेडिंग की गयी थी.
लगभग चार किलोमीटर तक के इलाके में फैले हुए मेले एवं घाटों को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोवस्त किये गये थे. सभी घाटों पर एसडीआरएफ, प्रशिक्षित गोताखोरों के अलावा तैनात दंडाधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों द्वारा पूरी निगरानी की जा रही थी, ताकि कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे. डीएम नौशाद यूसुफ एवं आरक्षी अधीक्षक आदित्य कुमार खुद गंगा घाटों पर निगरानी करते देखे गये.
सुबह से शाम तक चलता रहा भंडारा :तुलार्क महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान के दौरान कुंंभ सेवा समिति व कुंंभ तदर्थ समिति द्वारा अलग-अलग भंडारे का आयोजन किया गया. जिसमें 25 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने भोजन किया. देर शाम तक भंडारा में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी थी. कुंभ सेवा समिति के महासचिव रजनीश कुमार लगातार भंडारा कार्यक्रम की मॉनीटरिंग करते देखे गये.
शाही स्नान में नागा संत बने रहे आकर्षण का केंद्र :तुलार्क महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों से आये नागा संत श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे. शाही स्नान में पहले नागा संतों द्वारा डुबकी लगाने के बाद लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया. स्नान करने के बाद नागा संत सिमरिया धाम में अपनी धुनी रमा दी. जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके पास पहुंच कर आशीर्वाद प्राप्त किया.
बड़ा ही अद्भुत नजारा सिमरिया धाम में बना हुआ है.
स्वर्ग लोक बना हुआ है सिमरिया धाम का सिद्धाश्रम:तुलार्क महाकुंभ को लेकर सिमरिया धाम स्थित सिद्धाश्रम इन दिनों स्वर्ग बना हुआ है. स्नान के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालु बिना सिद्धाश्रम गये वापस नहीं लौट रहे हैं. सिद्धाश्रम पहुंच कर वहां मां भगवती की अराधना व संत चिदात्मन जी महाराज से बिना आशीर्वाद लिए वापस नहीं लौट रहे हैं. सुबह से शाम तक सिद्धाश्रम में भक्तिमय नजारा देखने को मिल रहा है.
क्या सिमरिया में अब भी लिखी जायेगी विकास की गाथा:2011 में अर्धकुंभ व 2017 में तुलार्क महाकुंंभ के सफल आयोजन व लाखों श्रद्धालुओं द्वारा गंगा में डुबकी लगाने के बाद अब लोगों में सिर्फ एक ही चर्चा गूंज रही है कि इस कुंभ के आयोजन से तो सिमरिया गंगा धाम राष्ट्रीय क्षितिज पर तो पहुंच गयी है, लेकिन अब भी सिमरिया गंगा घाट का विकास होगा या नहीं यह लोगों के बीच अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है.
2011 में अर्धकुंभ के सफल आयोजन के बाद अगर शासन और प्रशासन के द्वारा अगर सिमरिया गंगा घाट की सुधि ली गयी होती तो पिछले 40 दिनों से चल रहे इस सिमरिया मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.
ये सोनी मेय अहां कतो चैल गेलोंय हम बड़ी काल से भुतियैल छी, हमरा लो जाओ नैय त हमरा दम ससैर रहैल कुछ इसी तरह से बुधवार को सिमरिया धाम में तुलार्क महाकुंभ के दौरान भूले भटके लोग सूचना केंद्र पहुंच कर अपने लोगों की खोज करते हुए कह रहे थे.
अहले सुबह से लेकर देर शाम तक सूचना केंद्र पर भूले भटके लोगों की भीड़ लगी रही. सूचना केंद्र पर तैनात कर्मियों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों व संगे-संबंधियों से इस भीड़ में भटक गये. सूचना केंद्र पर तैनात कर्मियों द्वारा लगातार उद्घोषणा कर भटके हुए लोगों को अपनों से मिलाने का काम किया जा रहा था. तुलार्क कुंभ के दूसरे शाही स्नान के दौरान लोगों को इस तरह की भीड़ की उम्मीद नहीं थी.
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