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रघुनाथपुर आज बनेगा खुले में शौच से मुक्त
पंचायत में परिवारों की कुल संख्या 3048 15 वार्डों में बंटी है रघुनाथपुर पंचायत बेगूसराय/साहेबपुरकमाल. शिक्षा एवं जागरूकता के मामले में पिछड़ा गांव रघुनाथपुर स्वच्छता के मामले में कीर्तिमान स्थापित किया है.गांव के सभी परिवार अब खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त कर दिया है. प्रखंड मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर उत्तर पूर्व […]
पंचायत में परिवारों की कुल संख्या 3048
15 वार्डों में बंटी है रघुनाथपुर पंचायत
बेगूसराय/साहेबपुरकमाल. शिक्षा एवं जागरूकता के मामले में पिछड़ा गांव रघुनाथपुर स्वच्छता के मामले में कीर्तिमान स्थापित किया है.गांव के सभी परिवार अब खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त कर दिया है.
प्रखंड मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर उत्तर पूर्व दिशा में अवस्थित रघुनाथपुर करारी पंचायत में परिवारों की कुल संख्या 3048 है जबकि 15 वार्ड में विभक्त पंचायत जनप्रतिनिधियों, सरकारी कर्मियों तथा ग्रामीणों के बेहतर समन्वय से यह गांव दो अक्तूबर को ओडीएफ पंचायत घोषित होने वाला है. दो माह पहले इस गांव की स्थित यह थी कि घर में शौचालय रहते हुए परिवार के सदस्य खुले मैदान ,सड़क किनारे शौच करने जाते थे . जागरूकता के अभाव में लोग घर के समीप ही कूड़ा-कचरा फेंक देते थे. गांव को स्वच्छ बनाने के लिए स्वच्छता मिशन के कर्मी डेढ़ वर्ष पूर्व ही पहल शुरू की. सर्वे के बाद पंचायत में कुल 1070 परिवार शौचालय विहीन पाये गये. जिसे शौचालय निर्माण के लिए प्रेरित करने का अभियान शुरू किया गया.
लोगों में जागरूकता के अभाव में यह अभियान कभी गति नहीं पकड़ सकी. दो माह पूर्व जब प्रखंड विकास पदाधिकारी और स्वच्छता मिशन के प्रखंड समन्वयक ने सघन रूप से कार्य प्रारंभ किया तो गांव के लोगों में चेतना जगी. गांव में एक निगरानी समिति का गठन किया गया और निगरानी समिति को दो भागों में बांटा गया. एक ग्रुप महिला और एक ग्रुप पुरुष का बनाया गया. दोनों ग्रुप में वार्ड सदस्य,जीविका दीदी,आंगनबाड़ी सेविका,आशा कार्यकर्ता, विकास मित्र, स्वच्छता दूत एवं ग्रामीणों को शामिल किया गया. निगरानी समिति ने किसी को भी खुले में शौच करने से रोकने का फैसला लिया. ग्रुप के सदस्य मॉर्निग तथा इवनिंग फॉलोअपकार्यक्रम शुरू किया. दोनों समूहों के सदस्य सुबह चार बजे व्हीसिल बजाते हुए पूरे गांव का भ्रमण करना शुरू कर दिया.
इस क्रम में जो भी लोग मिल जाते उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाना शुरू किया .इस अभियान का असर हुआ और धीरे-धीरे लोग खुले में शौच के लिए निकलना बंद कर दिया. लोग घर के आसपास साफ सफाई करना भी शुरू कर दिया.
क्या कहतीं है पंचायत की मुखिया:पंचायत की मुखिया उषा कुमारी कहती हैं कि स्वच्छता अभियान ने गांव को बदल कर रख दिया. जिसके घर में शौचालय नहीं था वह स्वयं शौचालय बनाने को तैयार हो गये और शौच के लिएबाहर जाना बंद कर दिया. आज गांव में साफ -सफाई का वातावरण तैयार हो गया है जो प्रसन्नता की बात है.
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता :सामाजिक कार्यकर्ता रानी देवी, विपिन यादव आदि का कहना है कि स्वच्छता अभियान को सफल बनाने में अनेक तरह की परेशानी और बाधाएं आयी. परंतु सामूहिक पहल से सभी परेशानी और बाधाओं को दूर कर दिया गया. अब गांव की न सिर्फ सूरत बदल गयी वरन जिले से लेकर राज्य स्तर पर इस गांव की चर्चा होने लगी है.
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